लाइव सिटीज पटना: बिहार में जाति आधारित गणना का दूसरा चरण आज यानी शनिवार से शुरू हो रहा है. जातिगत जनगणना का पहला चरण पूरा हो चुका है, वहीं आज से दूसरे चरण की शुरुआत हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बख्तियारपुर से जातीय जनगणना के दूसरे चरण का शुभारंभ करेंगे. जनगणना कार्य में लगे कर्मी आपके घर जाएंगे और आपसे सवाल करेंगे. इस दौरान घर-घर जाकर लोगों से 17 सवाल पूछे जाएंगे. जाति आधारित गणना के लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक एप भी तैयार किया है.
दूसरे चरण में 15 अप्रैल से 15 मई तक जाति आधारित गणना की जाएगी.
जातीय जनगणना में इस बार आपसे 17 तरह के सवाल किए जाएंगे और ऐप में इन सवालों का जवाब दर्ज किया जाएगा. सभी सवालों के लिए एक कोड तय किया जा चुका है. आपसे मिले जवाब को कोड के रूप में ही दर्ज किया जाएगा. बिहार में 2.59 करोड परिवारों के बारे में उनकी सारी जानकारी जुटाई जाएगी. राजधानी पटना में 14 लाख से अधिक परिवारों की गिनती होगी. उनसे 17 सवाल पूछे जाएंगे. खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शनिवार को परिवार के मुखिया बनकर बख्तियारपुर स्थित अपने पुस्तैनी घर में सवालों का जवाब देंगे.
इन 17 सवालों का देना होगा जवाब
1.परिवार के सदस्य का पूरा नाम
2.पिता/पति का नाम
3.परिवार के प्रधान से संबंध
4.आयु (वर्ष में)
5.लिंग
6.वैवाहिक स्थिति
7.धर्म
8.जाति का नाम
9.शैक्षणिक योग्यता
10.कार्यकलाप
11.आवासीय स्थिति
12.अस्थायी प्रवासीय स्थिति
13.कंप्यूटर/लैपटॉप
14.मोटरयान
15.कृषि भूमि
16.आवासीय भूमि
17.सभी स्रोतों से मासिक आय
राज्य स्तर पर बनेगी रिपोर्ट सभी जिलों से डाटा संग्रह कर राज्य स्तर पर इसकी समीक्षा करके समेकित रिपोर्ट तैयार की जाएगी. सामान्य प्रशासन विभाग को इस कार्य के लिए नोडल विभाग बनाया गया है. इस कार्य को अंजाम देने के लिए एक विशेष सेक्शन संख्या 28 बनाया गया है. यहां राज्यभर से आए तमाम डाटा का विश्लेषण करके अंतिम रूप से जाति गणना की रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इस गणना की रिपोर्ट ऑनलाइन भी जारी की जाएगी, जिसके लिए विशेष वेबसाइट तैयार की गई है.
बता दें कि जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार से इतर बिहार सरकार ने अपना निर्णय ले लिया है. राज्य सरकार अपने खर्च पर जातीय जनगणना करा रही है. जाति आधारित गणना के पहले चरण के तहत पूरे बिहार में घरों की नंबरिंग की गई थी. सर्वे के दौरान घरों के आगे नंबर दिए गए थे. घरों के नंबर की इंट्री इस बाबत बनी वेबसाइट और पोर्टल पर अपलोड की गई. वहीं प्रगणक के मोबाइल पर एप उपलब्ध है. इसी के आधार पर जाति आधारित गणना का काम चलेगा.