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सहरसा: जेल से बाहर निकले आनंद मोहन, चाहने वालों में खुशी की लहर, जानें पूरा मामला

लाइव सिटीज पटना: गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन जेल से एक महीने के पैरोल पर रिहा हो गए हैं. पैरोल पर वह मंडल कारा सहरसा से बाहर आ गए हैं. जिससे उनके कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है. उनकी बेटी की शादी हो रही है, उसी शादी में शरीक होने के लिए एक महीने के पैरोल पर वो जेल से बाहर रहेंगे. आनंद मोहन की बेटी एडवोकेट सुरभि आनंद की 15 फरवरी को शादी है. जिसके लिए उन्हें रिहा किया गया है.

बताया जा रहा है कि आनंद मोहन अपनी बेटी की फलदान, तिलक ओर शादी में शामिल होने के लिए जेल से पैरोल पर बाहर आ रहे हैं. पूर्व सांसद आनन्द मोहन की बेटी की 15 फ़रवरी को शादी है. उसी शादी में शरीक होने के लिए एक महीने के पैरोल पर वो बाहर आए हैं. 10 फरवरी को बेटी की शादी पर फलदान और 15 फरवरी को होने वाले विवाहोत्सव के लिए उन्हें रिहा किया गया है. शाम 5:18 बजे जेल से निकलने के बाद उन्होंने समर्थकों को भरोसा दिलाया कि जल्द ही उनकी रिहाई हो जाएगी. जेल से बाहर आने पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बताया कि उन्हें दो टुकड़ों में 15-15 दिन का पैरोल मिला है. उन्होंने ने कहा कि अभी तो पैरोल पर बाहर आए हैं लेकिन आगे भी सबकुछ अच्छा होगा, इतान भरोसा दिलाता हूं.

बता दें कि बीते दिनों पटना के मिलर स्कूल में आयोजित राजपूत समाज के स्वाभिमान दिवस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद इसका संकेत दिया था कि आनंद मोहन की जल्द रिहाई हो सकती है. दरअसल जदयू द्वारा आयोजित राजपूत समाज के स्वाभिमान दिवस समारोह में भीड़ से कुछ लोगों ने आनोदन मोहन की रिहाई की मांग की थी. जिसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने मंच से कहा कि आपलोग चिंता मत कीजिए, हमलोग लगे हुए हैं. आनेवालें दिनों में आपको रिजल्ट दिख जाएगा. बतातें चलें कि बीते दिनों आनंद मोहन की बेटी की सगाई में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत तमाम दिग्गज नेता पहुंचे थे. उसी समय से अटकलें थी कि जल्द आनंद मोहन की रिहाई हो सकती है.

बतातें चलें कि पूर्व सांसद आनंद मोहन वर्ष 2007 से ही सहरसा मंडल जेल में बंद थे. गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या मामले में वह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. लगभग वो पंद्रह साल से जेल में बंद है. आनंद मोहन को पहले भी एक बार पैरोल मिली थी. आनंद मोहन ने पैरोल पर रिहाई के लिए अर्जी दी थी. बताया गया था कि वे अपनी बेटी की सगाई में शामिल होना चाहते हैं और बूढ़ी मां को देखना चाहते हैं. कहा जाता है कि मुजफ्फरपुर जिले में 5 दिसंबर 1994 को जिस भीड़ ने गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पीट-पीट कर हत्या की थी, उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे.

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