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RSS-BJP देश के OBC को जानवरों से भी बदतर मानती है, पिछड़ों से इतनी नफरत और दुश्मनी क्यों, लालू यादव बरस पड़े

लाइव सिटीज पटना: बिहार में जातीय जनगणना कराने के नीतीश सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट में अर्जी डाली गई और अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है. इस मामले में आज सुनवाई टल गई. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय करोल ने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. अब CJI इस मामले की अगली सुनवाई के लिए अलग बेंच का गठन करेंगे. वहीं जातिगत जनगणना कराने के नीतीश सरकार के फैसले के पक्ष में अब आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी कूद पड़े हैं. उन्होंने इसे लेकर कड़े शब्दों में केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है.

लालू यादव ने जातीय जनगणना को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने इसके लिए गंडक नदी में घड़ियालों की संख्या को लेकर छपी एक खबर का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. लालू यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि केंद्र सरकार घड़ियाल की गिनती कर लेती है लेकिन देश के बहुसंख्यक गरीबों, वंचितों, उपेक्षितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों की नहीं? RSS/BJP देश के OBC को जानवरों से भी बदतर मानती है इसलिए इन्हें जातीय गणना और जातीय सर्वे से दिक्कत है. BJP को पिछड़ों से इतनी नफरत और दुश्मनी क्यों.

दरअसल लालू यादव ने खबर में लिखे इस बात का जिक्र किया है जिसमें भारतीय वन्य जीव ट्रस्ट द्वारा घड़ियालों की संख्या लेकर एक आंकड़ा जारी किया गया है. इसमें घड़ियालों का आंकड़ा जारी करते हुए कहा गया है कि गंडक नदी में घड़ियालों की संख्या में खासी बढ़ोत्तरी हुई है. साल 2014 में घड़ियालों की संख्या 30 थी जो अब बढ़कर 217 हो गई है. इस पर लालू यादव ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार घड़ियालों तक की गिनती कर लेती है लेकिन देश के बहुसंख्यक गरीबों, वंचितों, उपेक्षितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों की नहीं.

बता दें कि जातीय जनगणना पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय करोल ने इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. अब CJI इस मामले की अगली सुनवाई के लिए अलग बेंच का गठन करेंगे. सुनवाई होने से पहले ही दो जजों की बेंच में एक जस्टिस संजय करोल ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया। कहा गया कि जातीय जन-गणना केस में सुनवाई में जस्टिस करोल शामिल नहीं होंगे. बतातें चलें कि बिहार में पहले चरण का जातिगत सर्वेक्षण सात जनवार से 21 जनवरी के बीच हुआ था और दूसरे चरण का सर्वेक्षण 15 अप्रैल को शुरू हुआ था जिसे 15 मई तक संपन्न किया जाना था.

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