लाइव सिटीज पटना: बिहार के रोहतास में सोन पुल के दो पिलरों के बीच फंसे रंजन कुमार को कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार सकुशल निकाल लिया गया है. 25 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम ने बच्चे को निकाल लिया है. जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. फिलहाल बच्चे को डॉक्टरों की टीम की निगरानी में एंबुलेंस से सासाराम सदर अस्पताल ले जाया गया है.
SDM उपेंद्र पाल ने बताया कि बच्चे को निकाल लिया गया है और उसे अस्पताल भेजा गया है, NDRF की टीम ने 14 घंटे मशक्कत कर बच्चे को बाहर निकाला है. पुल को ठीक किया जाएगा. बच्चे की स्थिति अभी सामान्य नहीं कही जाएगी. वहीं रंजन कुमार के पिता भोला शाह ने बताया कि पिछले तीन दिनों से रंजन का कुछ पता नहीं चल रहा था. उसके रोने की आवाज गाय चराने के दौरान कुछ लोगों ने सुनी. जब जाकर देखा तो दरार से बच्चे की रोने की आवाज आ रही थी. उसके पिलर में फंसे होने की सूचना उन्हीं लोगों ने हमें दी थी.
बताया जा रहा है कि नासरीगंज के खिरियाव गांव के रहने वाले भोला साह का 12 वर्षीय पुत्र रंजन कुमार मानसिक रूप से कमजोर है. वह दो दिनों से घर से लापता था. लेकिन अचानक पता चला कि वह पुल के बीच स्थित पिलर के नीचे फंसा हुआ है. कुछ लोगों ने जब बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो पुलिस को सूचना दिया. जिसके बाद स्थानीय स्तर पर प्रशासन की टीम रेस्क्यू में जुट गई. बच्चे की जान बचाने के लिए पटना से एसडीआरएफ की टीम बुलायी गयी. दरार एक तरफ से खुली हुई है और दूसरी तरफ से बंद थी. बच्चे को ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए सिलिंडर और पाइप के सहारे पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन दरार के भीतर पहुंचायी जा रही थी. बांस-बल्ले की सीढ़ियों की मदद से बच्चे के समीप पहुंचने की कोशिश की गयी जिसमें प्रशासन की टीम को सफलता मिल गई.