लाइव सिटीज, पटना: BPSC 70th परीक्षा में कथित गड़बड़ी के खिलाफ जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान में अनशन पर बैठे हुए हैं। हालांकि अनशन से ज्यादा वो अपनी वैनिटी वैन को लेकर चर्चा में हैं। गांधी मैदान में पार्क किए गए वैनिटी वैन को लेकर वो RJD नेताओं के निशाने पर हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उन पर लगातर तंज कस रहे हैं।
तेजस्वी यादव आरोप लगा रहे हैं कि प्रशांत किशोर को बीजेपी-जेडीयू से फंड मिल रहे हैं। हालांकि, जब हमने वैनिटी को लेकर सारे आरोपों की पड़ताल की तो पाया कि मामला तो कुछ और ही है। लाइव सिटीज के साथ समझिए कि आखिर प्रशांत किशोर का गॉड फादर कौन है? कहां से उनके पास 2 करोड़ की वैनिटी वैन कहां से आया?
पड़ताल में ये बात सामने आई है कि वैनिटी वैन जो मूल रूप से isuzu की गाड़ी है को कस्टमाइज करा कर वैनिटी में तब्दील किया गया है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर PB13AY9000 है। रजिस्ट्रेशन Sunstar Sales & Distribution Pvt Ltd (CIN – UL44899DL2001PTC109389) कंपनी के नाम पर है। इस कंपनी के तीन डायरेक्टर हैं – 1. सुशील कुमार सिंह, 2. रूबी सिंह (पति उदय सिंह पूर्णिया) और 3. अशोक बहादुर ।
यहां एक कॉमन कंपनी S-CCI India Pvt Ltd (CIN – U232201DL1999PTC100110) भी है। इस कंपनी के सेक्रेटरी – सरत कुमार मिश्रा हैं, जो चुनाव आयोग के ऑडिट पर जनसुराज के अध्यक्ष हैं। वहीं, कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर – उदय सिंह ( पूर्व सांसद पूर्णिया, वर्तमान में बीजेपी नेता) और कंपनी के निदेशक – अशोक बहादुर और अभिनव सिंह हैं।
बस यहीं से सारा मामला स्पष्ट होता जाता है। पूर्णिया के पूर्व सांसद उदय सिंह पर जो मौजूदा समय में बीजेपी नेता हैं, कुल 5 कंपनियों के निदेशक हैं। उसमें एक कंपनी है – JOGGF (Joy of Giving Global Foundation) जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर (U85300KA2012NPL063201)है। इस कंपनी के भी तीन डायरेक्टर है – 1. उदय सिंह , 2. सरत कुमार मिश्रा और 3. अभिनव सिंह।
JOGGF ही वो कंपनी है जो जनसुराज को सारे संसाधन, सैलरी, ऑफिस खर्च इत्यादि मुहैया करा रही है। अब JOGGF कंपनी पर नज़र डालें तो इन सब के अलावा एक और इंटरेस्टिंग नाम दिखेगा। वो है गौरव भटेले जो अभी हाल तक गौतम अदानी के साथ काम कर रहे थे।JOGGF को गौतम अदानी ने हर महीने ₹50 लाख चंदा दिया जिसे जन सुराज नामक एक बी-टीम खड़ी हो रही है।
दिल्ली के पश्चिम मार्ग और हेली रोड में कई सेल कंपनियां चल रही है जिसमें एक कॉमन नाम सरत कुमार मिश्रा है जो ECI के ऑडिट पर जनसुराज के अध्यक्ष हैं। इन्हीं सेल कंपनियों के माध्यम से ब्लैक को वाइट कर के जनसुराज नामक राजनैतिक दल बिहार के युवाओं को कंबल बांट रही है।
जब तेजस्वी यादव ‘कंबल किशोर पांडे’ को बीजेपी का एजेंट बताते हैं तो वे हवा में बात नहीं करते बल्कि उसके पीछे एक बुनियादी सच्चाई है जिसे फ़र्जी PR तंत्र से ढक दिया गया है। अमित शाह ने ही कंबल किशोर को जेडीयू जॉइन करवाया। आज बीजेपी के ही सज्जन ने कंबल किशोर को पॉटी करने के लिए अपनी करोड़ों की वैनिटी वैन दे दी है।
जनसुराज को जिन कंपनियों से पैसा आता है, वहां वो लोग निदेशक रहें हैं जिन्होंने तक़रीबन 6 साल तक गौतम अदानी के लिए काम किया है। ECI के ऑडिट पर जनसुराज का अध्यक्ष शरत कुमार मिश्रा दिल्ली में बैठकर कई सेल कंपनियों के माध्यम से ब्लैक को वाइट कर रहा है। लेकिन ना तो ED की नज़र उस पर जाती है, ना Income Tax का रेड पड़ता है।
ये महज़ संयोग नहीं है, बिहार को बर्बाद करने की साज़िश है। ‘कंबल किशोर’ कोई और नहीं, वही राजनैतिक उचक्का है जिसने साल 2014 के डिजिटल क्रांति के दौरान देश के सांप्रदायिक सौहार्द को बर्बाद कर के गुजराती ठगों का रास्ता आसान किया था।