लाइव सिटीज, पटना: बिहार सरकार ने आने वाले त्योहरों को देखते हुए मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को लेकर बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत 7 अरब 90 करोड़ 85 लाख 27 हजार रुपये की राशि सभी जिलों के लिए जारी की गई है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत सरकार ने पहले भाग के तीसरे किस्त के रूप में सामग्री मद और प्रशासनिक मद में कुल 7.90 अरब रुपये की राशि बिहार को दी है, जिसे ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिलों के लिए जारी कर दिया है.
बिहार सरकार को आजीविक योजना के तहत केंद्र सरकार से पांच अरब बाईस करोड़ बयासी लाख बासठ रुपये की राशि मिली है. जिसे ग्रामीण विकास विभाग ने जारी कर दिया है. ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि मनरेगा के तहत जो भी 100 दिन की गारंटी के तहत रोजगार मांगेंगे, उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाए.
वहीं मनरेगा और आजीविका के लिए 12 अरब से अधिक की राशि केंद्र से दी गई है. बिहार के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने तृतीय किस्त के रूप में कुल सात अरब नब्बे करोड़ पचासी लाख सत्ताईस हजार रुपये राज्य सरकार को भेजा है. जिसे ग्रामीण विकास ने आने वाले त्योहार को देखते हुए सभी जिलों को जारी कर दिया है.
इस योजना का मुख्य उद्देश्यस आजीविका सुरक्षा को सुदृढ़ करने के साथ ही टिकाऊ परिसम्पति का सृजन कर ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना है. योजना अंतर्गत प्रत्येक परिवार के इच्छुक वयस्क सदस्यों द्वारा काम मांगने पर एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों का अकुशल मजदूरी दिये जाने का प्रावधान है
ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि विभागीय पदाधिकारी को निदेशित किया है कि योजना की लगातार समीक्षा कर संचालित मनरेगा योजनाओं को ससमय पूरा किया जाय. इस योजना में किसी भी तरह की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. श्रवण कुमार ने यह भी कहा कि यह योजना बिहार के ग्रामीण जनता को रोजगार मुहैया कराने का प्रमुख साधन है.