लाइव सिटीज पटना: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे डॉ संतोष सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा देकर बिहार की सियासत में भूचाल ला दिया है. उनके इस्तीफे के बाद पक्ष और विपक्ष के नेताओं की भिन्न-भिन्न तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. इस्तीफे के बाद संतोष मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार हम का जेडीयू में विलय करने का दबाव बना रहे थे. उधर जेडीयू का कहना है कि मांझी जैसे लोग आते-जाते रहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. वहीं विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार पर दलितों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि जिस तरह से पूर्व सीएम जीतन राम मांझी को यह शपथ लेना पड़ रहा था कि वे नीतीश के साथ हैं उसके बाद भी मांझी पर विलय के लिए दबाव बनाना ठीक नहीं है. नीतीश की सरकार में दलितों को शोषण किया जा रहा है. अपने अहंकार के कारण नीतीश कुमार सहयोगी दलों का सम्मान नहीं करते हैं. जिसके पास अगर थोड़ा सा भी स्वाभिमान होगा वह नीतीश कुमार के साथ नहीं रहेगा.
विजय सिन्हा ने कहा कि उनसे बार बार कसम भी खिलाया जाता है कि साथ रहें. और भांति भांति की शर्तें लादकर प्रताड़ित भी किया जाता है. मांझी जी के पास दो मंत्रालय थे जिसे एक मंत्रालय पर समेट दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि अपने स्वार्थ और अहंकार के लिए नीतीश कुमार ने दलितों का अपमान किया. इससे किसी भी स्वाभिमानी व्यक्ति को चोट लग सकता है. इस चोट को जीतन मांझी ने स्वीकार नहीं किया है. इसे कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति स्वीकार नहीं कर सकता.
वहीं मांझी के एनडीए के साथ जाने के सवाल पर विजय सिन्हा ने कहा कि बीजेपी के साथ सभी दलों की बात बनती रही है. बिहार की कोई ऐसी पार्टी नहीं हो जो बीजेपी से सहयोग से सत्ता के शीखर तक नहीं पहुंची हो. आरजेडी हो या जेडीयू बीजेपी ने सभी का चाणक्य बनकर सहयोग किया. बीजेपी सत्ता के लिए नहीं बल्कि सत्ता में सुशासन लाने की लड़ाई लड़ती है. बीजेपी ने हमेशा चाणक्य बनकर चंद्रगुप्त बनाने का काम किया लेकिन ये नकली चंद्रगुप्त निकले.