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‘मेरा नाम सावरकर नहीं, गांधी कभी माफी नहीं मांगते’, सदस्यता रद्द होने के बाद मोदी सरकार पर जमकर बरसे राहुल गांधी

लाइव सिटीज पटना: संसद सदस्यता रद्द होने के बाद आज राहुल गांधी पहली बार के सामने आए. उन्होंने संवाददाता सम्मेलन कर भाजपा और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर आरोप लगाए. राहुल गांधी ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री को लगता है कि मुझे डरा कर, जेल में डालकर, मार-पीटकर, डिस्क्वालिफाई करके चुप करा लेंगे तो वो गलतफहमी में हैं. वहीं भाजपा के माफी मांगने की मांग पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं है. मैं गांधी हूं , गांधी कभी माफ़ी नहीं मांगते. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सभी विपक्षी दलों का धन्यवाद है कि उन्होंने मेरा साथ दिया. आगे साथ मिलकर काम करेंगे.मैं हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा.

राहुल गांधी ने कहा कि मैंने देश के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला. भारत जोड़ो यात्रा की मेरी कोई भी स्पीच देख लीजिए, मैंने हमेशा कहा है कि सब समाज एक है. नफरत, हिंसा नहीं होनी चाहिए. भाजपा ध्यान को भटकाने का काम करती है, कभी OBC की बात करेगी, कभी विदेश की बात करेगी. इन लोगों से मुझे डर नहीं लगता. अगर इनको लगता है कि मेरी सदस्यता रद्द करके, डराकर, धमकाकर, जेल भेजकर मेरा मुंह बंद करा सकते हैं तो यह नहीं होने वाला. मैं हिन्दुस्तान के लोकतंत्र के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा. मैंने कई बार बोला है कि हिन्दुस्तान में लोकतंत्र पर आक्रमण हो रहा है. इसके हमें रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं. मैंने संसद में सबूत दिए. मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद के अंदर हूं या बाहर हूं.

इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि आज के हिंदुस्तान में पार्टियों को मीडिया और बाकी संस्थाओं से जो सपोर्ट मिलता था, वह अब नहीं मिलता है. मोदी सरनेम पर सजा मिलने के सवाल पर राहुल ने कहा, ‘यह OBC का मामला नहीं है. यह मोदी जी और अडानी के रिश्ते का मुद्दा है. यह मेरी तपस्या है. जीवन की तपस्या है. चाहे मुझे जेल में डालें, मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता. मुझे अपनी तपस्या करनी है. मैं वायनाड के लोगों के लिए एक चिट्ठी लिखूंगा कि मेरे दिल में उनके लिए क्या है. मुझे इसलिए डिस्क्वालिफाई किया गया कि प्रधानमंत्री मेरी अगली स्पीच से डरते हैं. वह मेरे अगले भाषण से डर रह थे जो अडानी पर होने वाला था. मैंने यह उनकी आंखों में देखा है. तो वह मेरे अगले भाषण से घबराए हुए थे. वह नहीं चाहते थे कि संसद में मेरा अगला भाषण हो.

राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमले किए जा रहे हैं, इसके उदाहरण समय-समय पर सामने आते रहते हैं. मंत्रियों ने मेरे बारे में झूठ बोला कि मैंने विदेशी हस्तक्षेप के लिए कहा था, मैंने ऐसा नहीं कहा. मैं अडाणी मुद्दे पर सवाल पूछता रहूंगा, वे अयोग्य ठहराकर या मुझे जेल में रखकर मुझे डरा नहीं सकते. मैं झुकूंगा नहीं. अयोग्य ठहराने, मंत्रियों द्वारा आरोप लगाने का पूरा खेल अडाणी मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए खेला गया. मैं यहां भारत के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज की रक्षा करने के लिए हूं. ऐसा करता रहूंगा, मैं किसी से नहीं डरता.

बता दें कि मानहानि केस में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई.
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही कैसे है? राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी. वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी. वहीं मानहानि केस में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई. वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे. लोकसभा सचिवालय से पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है.

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