भोजपुरी फिल्म स्टार और गायक पवन सिंह (pawan singh) के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सियासी महौल गर्म है. आपको बता दें कि पवन सिंह आसनसोल से बीजेपी के टिकट पर नहीं बल्की बिहार से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पवन सिंह को पावर स्टार के नाम से जाना जाता है. पवन सिंह ने बिहार के काराकाट(karakat) लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इसी कारण ये सीट एक बार फिर से चर्चा में है. काराकाट सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा क्या किया कि इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की चर्चा होने लगी है. आईऐ जानते हैं काराकाट की जाति समिकरण क्या है और क्यों यहां मकाबला खूब दिलचस्प होने वाला है?
पवन सिंह का प्रभाव
पवन सिंह राजपूत बिरादरी से आते हैं. यहां राजपूत जाति का करीब 2 लाख वोट है इसके अलावा पवन सिंह की इस इलाके में अच्छी खासी पहचान है. खासकर के भोजपुरी इलाकों के युवाओं में उनका प्रभाव है. यहां से NDA के उम्मीदवार के रूप में उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. पवन सिंह को बीजेपी ने आसनसोल से उम्मीदवार बनाया था लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था. उपेंद्र कुशवाहा ने पवन सिंह के चुनाव में खड़े होने के सवाल पर कन्नी काट लिया. गठबंधन में कुशवाहा को मात्र एक सीट काराकाट मिली है, वहीं माले के राजाराम सिंह महागठबंधन के उम्मीदवार हैं. पवन सिंह के ऐलान के बाद क्षेत्र में राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है.
उपेंद्र कुशवाहा की जाति का प्रभाव
पिछले तीन लोकसभा 2009 से लेकर 2019 तक के चुनाव में महाबली सिंह कुशवाहा तथा उपेंद्र कुशवाहा ने काराकाट की सीट पर जीत हासिल की है. दोनों कुशवाहा जाति के नेता हैं, इस बार राजाराम सिंह (कुशवाहा) तथा पवन सिंह (राजपूत) के मैदान में आने पर चुनाव दिलचस्प हो गया है. पवन सिंह को लेकर इलाके में राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है क्योंकि वो राजपूत समाज से आते हैं ऐसे में कुशवाहा जाति का वोट दो भाग में बंट जाने का डर है. पवन सिंह की फैन फॉलोइंग उनको अपनी जाति के अलावा अन्य जातियों की वोट दिलवा सकती है.हालांकि अब तक महागठबंधन को अब तक यहां से जीत नसीब नहीं हो पाई है. महाबली सिंह दो बार तथा उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार जीत दर्ज की है. उपेंद्र कुशवाहा यहीं से जीत कर भारत सरकार में मंत्री बने थे.
मतदाताओं की संख्या
इस बार काराकाट में 18 लाख 72 हजार से अधिक मतदाता वोट करेंगे. बात अबादी की करें तो 10% मुस्लिम, अनुसूचित जाति 22 प्रतिशत और 2 लाख राजपूत , 2 लाख कुशवाह और 2 लाख यादव जाति की संख्या है.