लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabah 2024) को लेकर देश भर में तैयारी जोरों पर है. देश भर की तमाम बड़ी- छोटी पार्टियां चुनावी जनसभा कर रही है. पहले चरण का मतदान हो चुका है. दुसरे चरण के मतदान के लिए बिहार सहित देश भर में जनसभा हो रही है. ऐसे में बिहार का सीमांचल का सीट हॉट बना हुआ है. क्यों? क्योंकि बिहार में हैदराबाद से चल कर बिहार आए ओवैसी 5 दिनों तक चुनावी कैंप करने वाले हैं. लेकिन उनकी जनसभा से पहले कुछ सवाल भी खड़ा हो रहा है कि क्यों ओवैसी ने बिहार की 15 सीटों पर प्रत्याशी देने की बात कर अपना कदम खींच लिया है. इससे किसको फायदा हो रहा है? क्या ओवैसी सच में भाजपा को हराना चाहते हैं. चलिए एक नजर इस खबर पर डालते हैं.
15 सीटों पर दावा किया था
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार में 15 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर बिहार की राजनीतिक पारा को गर्म कर दिया था. ये सभी 15 लोकसभा ऐसे हैं जिनपर मुस्लिम आबादी ठीक ठाक है या फिर 2 लाख से अधिक है. तो चलिए जानते हैं कि ओवैसी की पार्टी ने किन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया था. किशनगंज, अररिया, कटिहार, भागलपुर, पूर्णिया, गया, बक्सर, मुजफ्फरपुर, उजियारपुर, काराकाट, गोपालगंज, शिवहर, पाटलिपुत्र, शिवहर, मधुबनी और दरभंगा में उतारने का ऐलान किया था.
4 सीटों पर प्रत्याशी दिया
हालांकि ओवैसी की पार्टी ने बिहार में 4 सीटों पर अपना प्रत्याशी दिया है. जिसमें शिवहर से राणा रणजीत सिंह, दरभंगा से मो कलाम, काराकाट से प्रियांका चौधरी को प्रत्याशी बनाया है. जबकी प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल इमान खुद किशनगंज से चुनाव लड़ रहे हैं.
सीमांचल में 47 फीसद मुस्लिम, ओवैसी का प्रभाव
आपको बता दें कि सीमांचल की 4 सीटों पर मुस्लिम आबादी ठीक ठाक है. जिसमें पूर्णिया, भागलपुर, कटिहार और अररिया है. जहां मुस्लिम बहुत निर्णायक मत रखते हैं. किशनगंज में पिछले लोकसभा चुनाव में ओवैसी के प्रत्याशी अख्तरूल इमान को 2 लाख 95 हजार वोट मिला था हालांकि वे तीसरे पायदान पर थे. जीतने वाले प्रत्याशी मो. जावेद जो कांग्रेस के उम्मीदवार हैं उनको 3 लाख 67 हजार वोट मिला था. विधानसभा चुनाव में भी ओवैसी की पार्टी के 5 विधायक चुनाव में जीत हासिल करने में कामयाब हो गए थे. हालांकि उनके सभी 4 विधायक पाला बदल के राजद का हाथ थाम लिए थे.
ओवैसी हटे, किसको फायदा
ओवैसी मैदान से पिछे हटते दिख रहें हैं. बिहार में लोकसभा के लिए सीमांचल में ओवैसी कैंप कर रहे हैं लेकिन अन्य जगह जहां से चुनाव लड़ने का ऐलान हुआ था वहां अभी तक प्रत्याशी नहीं उतारे गए हैं. अब ऐसे में 3 लोक सभा ऐसे हैं जहां स्पष्ट रूप से महागठबंधन और कांग्रेस को फायदा होता हुआ दिख रहा है. खास कर अररिया, कटिहार और भागलपुर लोक सभा क्षेत्र में तो निश्चित तौर पर महागठबंधन को फायदा होता दिख रहा है.