लाइव सिटीज, पटना: जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर सहरसा के सोनबरसा ब्लॉक में पहुंचे। इस दौरान बरैठ गांव में राम जानकरी मंदिर के मैदान में जन संवाद कर लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिलाया। प्रशांत किशोर ने कहा कि रास्ते में गांव के अगर 100 बच्चे दिखे, तो आधे से ज्यादा बच्चों के शरीर पर शुद्ध कपड़ा नहीं है। आपके जितने छोटे बच्चे यहां घूम रहे हैं, देख लीजिए ज्यादातर बच्चों के पैर में हवाई चप्पल भी नहीं है। ये आपके बच्चे हैं, जिसके शरीर पर कपड़ा नहीं, पैर में चप्पल नहीं, पेट में खाना नहीं, पढ़ाई के लिए स्कूल-किताब नहीं। लोग कहते हैं कि हम इतने गरीब हैं कि अपने बच्चों की चिंता कैसे करें? लेकिन कल वोट देने जाइएगा तो अपने इसी बच्चे का चेहरा याद नहीं रहेगा, नेताजी का चेहरा याद रहेगा।
उन्होंने कहा कि अभी आपको एक मंत्र बता रहे हैं, वोट जिसे देना है दीजिए, लेकिन एक बार मेरी सलाह जरूर मानिए। वोट देते समय सिर्फ और सिर्फ अपने बच्चों का चेहरा याद रखिए, अपने बच्चों के लिए वोट दीजिए। आपने वोट दिया जाति के नाम पर, आपने वोट दिया विचारधारा के नाम पर, आपने वोट दिया हिंदू-मुसलमान बनकर, आपने वोट दिया लालू का, नीतीश का और मोदी का चेहरा देखकर, फिर भी आपका जीवन नहीं सुधरा। एक बार मेरी बात मानिए, लोग कहते हैं, मैं जिसे सलाह देता हूं वो राजा बन जाता है, मैं एक ही सलाह दे रहा हूं। अगली बार वोट अपने बच्चों का चेहरा देखकर दीजिए, आपके बच्चे भी बेरोजगार नहीं रहेंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि लोग कहते हैं कि अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट देने से क्या होगा? आपने मोदी का चेहरा देखकर वोट दिया, तो चाय बेचने वाले मोदी देश के राजा हो गए। आपने लालू जी का चेहरा देखकर वोट दिया, तो भैंस चराने वाले लालू जी बिहार के राजा हो गए। आपके वोट में इतनी ताकत है, जिसे चाहे उसे राजा बना दें। तो एक बार लालू, नीतीश, मोदी, प्रशांत किशोर का चेहरा भूलिए। एक बार अपने बच्चों के लिए वोट दीजिए। अगर, आप अपने बच्चों के लिए वोट दीजिएगा, तो वो भी बेरोजगार नहीं रहेंगे। अगर नेता जी का चेहरा देखकर वोट दीजिएगा, तो नेता जी का चेहरा चमकेगा। नेताजी का बेटा हेलिकॉप्टर पर घूमेगा। आपका लड़का रोड पर चल रहा है, उसके पैर में चप्पल भी नसीब नहीं होगा। कोई भी नेता आपको ये बात नहीं बताएगा।