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भाजपा का चाल चरित्र पापा सब समझते थे, राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर बोली लालू की बेटी

लाइव सिटीज पटना: राहुल गांधी को उनकी मोदी सरनेम टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने की तारीख से लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया है. राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी गई. इसको लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने 2013 के अध्यादेश का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय राहुल गांधी जी नासमझी के शिकार हो गए थे, जिसकी सजा विपक्ष भुगत रही है.

लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्वीट कर लिखा है कि भाजपा का चाल चरित्र पापा सब समझते थे. इसीलिए तो 2013 में इन्होंने इस अध्यादेश का विरोध किया था. उन्हें पहले से ही अनुभूति थी. अगर भूल से भी भाजपा सत्ता में आ गई तो,इसी अध्यादेश के बल पर देश के लोकतंत्र को कुचला करेगी और आज वहीं हुआ. रोहिणी ने आगे लिखा है कि राहुल गांधी जी नासमझी के शिकार हो गए और जाने-अनजाने में ही ऐसी गलती कर बैठें जिसकी सजा आज देश के विपक्षी पार्टी के नेताओं को झूठे केस-मुकदमों की जाल में उलझ कर अपनी सदस्यता गंवानी पड़ रही है.

रोहिणी आचार्य ने माफी सरकार पर हमला करते हुए लिखा है कि अहंकार तो रावण का भी ना रहा, तो फिर आप किस खेत की मूली हैं गोधरा के नरभक्षी जी. याद रखिए जिस दिन आपके पाप का घड़ा फूटेगा..उस दिन खुद आपके पार्टी के लोग ही आप से पल्ला झाड़ लेंगे. और रही बात आपके पूंजीपति आकाओं की वो चाहे दुनिया के किसी भी कोने में रहें. देश का लूटा हुआ पाई-पाई का उनसे हिसाब लिया जाएगा..क्योंकि समय बदलते देर नहीं लगती. कौन जानता था.? जिस प्रभु श्री राम को, अयोध्या का सिहासन मिलने वाला था.
वो वनवासी का रूप धर कर वन को गमन करेंगे..

बता दें कि 2013 में जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सांसद/विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलने पर उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मनमोहन सरकार एक अध्यादेश लाई थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो जाए. 24 सितंबर 2013 को कांग्रेस सरकार ने अध्यादेश की खूबियां बताने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने पहुंचकर कहा था- ये अध्यादेश बकवास है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए. उन्होंने अध्यादेश की कॉपी को फाड़ दिया था. इसके बाद ये अध्यादेश वापस ले लिया गया था. रोहिणी आचार्य ने इसी अध्यादेश का जिक्र कर राहुल गांधी को नासमझ बताया है.

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