लाइव सिटीज, पटना: बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपी) ने सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को सख्त चेतावनी दे दी है. जिसके मुताबिक 31 दिसंबर तक यू-डायस 2025-26 के स्कूली बच्चों और शिक्षकों सहित सभी आंकड़े अपलोड नहीं किये गए तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. इस संबंध में बीईपी के राज्य परियोजना निदेशक नवीन कुमार ने जिलों को लेटर भेजा है.
लेटर में बताया गया है कि पिछले एकेडमिक सेशन के बच्चों के आंकड़े इस सत्र में कम शामिल किये गये हैं. करीब पांच लाख बच्चों के आंकड़े कम हैं. ऐसे में इनको सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पायेगा. बीईपी ने लेटर में कहा है कि शिक्षा मंत्रालय ने यू-डायस 2025-26 के आंकड़ों की इंट्री की अंतिम तारीख 31 दिसंबर तय की है.
हाल ही में हुए एक समीक्षा में पाया गया है कि यू-डायस 2025-26 में नामांकित स्कूलों और यू-डायस 2024-25 में नामांकित स्टूडेंट्स के आंकड़ों में 5.93 लाख बच्चों की इंट्री कम हुई है. 2024-25 में सरकारी स्कूलों में नामांकित एक करोड़ 70 लाख स्टूडेंट्स में सिर्फ एक करोड़ 64 लाख स्टूडेंट्स के ही नामांकन यू-डायस 2025-26 के आंकड़े ही शामिल हैं. ऐसे में इन बच्चों के लिए भारत सरकार की तरफ से इस साल राशि आवंटन नहीं की जायेगी.
बीईपी के एसपीडी ने कहा है कि योजना की राशि से बच्चों के वंचित होने की जबावदेही डीईओ और डीपीओ की होगी. यह भी कहा गया है कि नामांकन के अलावा कुछ जिलों में अन्य सुविधाओं शौचालय, पेयजल, रैम्प, चहारदीवारी और आईसीटी लैब आदि में भी पिछले साल की अपेक्षा कमी आयी है. डिसेबल बच्चों के आंकड़ों में भी कुछ जिलों से पिछले साल की तुलना में कमी आयी है.
