लाइव सिटीज पटना: पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार में सियासत तेज है और इसको लेकर जमकर राजनीतिक बयानबाजी हो रही है. वहीं इस मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई नियम कानून के तहत हुई है. एकदम सही तरीके से हुई है. हंगामा क्यों हो रहा है? वहीं जातिगत जनगणना के खिलाफ कोर्ट में दाखिल याचिका पर सीएम ने नाराजगी जताई है.
आनंद मोहन की रिहाई पर मचे बवाल पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि आनंद मोहन 15 साल से ज्यादा जेल में रहे. सभी से राय लेकर निर्णय लिया गया है. बिहार में 2017 से अब तक 22 बार परिहार बोर्ड की बैठक हुई और 698 बंदियों को रिहा किया गया. कारा हस्तक के उस वाक्यांश को खत्म कर दिया गया, जिसमें सरकारी सेवक की हत्या का जिक्र है. इस कानून को खत्म किया गया तो इसमें क्या दिक्कत है?
पटना में आज सिविल सेवा दिवस के मौके पर अधिकारियों-कर्मचारियों ने कार्यक्रम का आयोजन किया था. नीतीश कुमार ने उसमें जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भला बताइये तो क्या क्या हो रहा है. सीएम ने कहा कि जाति आधारित गणना हम लोग कर रहे हैं, ये जाति आधारित जनगणना नहीं है. जनगणना तो सेंटर का काम है. हम गणना कर रहे हैं और आप बताइये कि हम लोग का डिमांड कब से चल रहा था. तो 2011 में केंद्र ने किया था ना भाई, जनगणना के अलावा जाति आधारित वाला कराया. लेकिन वो पब्लिश किया गया कभी, कभी नही पब्लिश किया गया. उ बन कर तैयार है. और आज कल लोग कहां-कहां जा रहे हैं.