लाइव सिटीज पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में अंदरूनी घमासान मचा हुआ है. उपेंद्र कुशवाहा लगातार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साध रहे हैं. कुशवाहा ने रविवार को पत्र जारी कर जेडीयू नेताओं की बैठक बुलाने की बात कही थी. जिसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कड़े शब्दों में उपेंद्र कुशवाहा की चिट्ठी का जवाब दिया था. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उपेंद्र कुशवाहा को लेकर बड़ा बयान दिया है. सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा पता नहीं किसकी भाषा बोल रहे हैं. उनको जहां जाना है चले जाएं, निर्णय उन्हीं को लेना है.
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा के तहत आज बांका पहुंचे हैं. जहां सीएम विकास कार्यों का जायजा ले रहे हैं. इसी दौरान मीडियाकर्मियों ने जब उपेंद्र कुशवाहा की बैठक को लेकर सवाल किया तो सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू के साथ आए तो सब लोगों ने उन्हें खूब आदर दिया. हम खुद कुशवाहा को इज्जत देते रहें लेकिन अचानक ऐसा क्या हो गया कि वे ऐसी भाषा बोलने लगे. दो महीने के अंदर ऐसा क्या हो गया समझ में नहीं आ रहा है. इस मामले पर रोज बोलना और उसके प्रचार का मतलब है कि किसी और के लिए बोल रहा है तो इसका प्रचार हो रहा है. कुशवाहा हमारी पार्टी को छोड़कर दो बार जा चुके थे बावजूद इसके तीसरी बार उनको मौका दिया गया. नीतीश कुमार ने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा कि जब किसी का प्रचार हो रहा हो तो समझ जाइए कि कहां से प्रचार हो रहा है.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में अंदरूनी घमासान मचा हुआ है. पार्टी के दो बड़े नेता ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा आमने-सामने आ गए हैं. जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को एक बार फिर से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर निशाना साधा है. उन्होंने एक पत्र जारी कर जदयू की कमजोर होती स्थिति और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रवैये पर बड़ा सवाल किया है. 19-20 फरवरी को राज्य भर के पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक बुलायी है. जिस पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को जवाब देते हुए कहा कि सब मनगढंत बातें हैं. जिसके बाद एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा कि ये कोई मनगढंत कहानी नहीं है.
बतातें चलें कि बिहार के सियासी गलियारे में जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को लेकर घमासान मचा है. एक तरफ वे पार्टी में ही अपने रास्ते पर चल रहे हैं तो वहीं जेडीयू कुछ सुनने को तैयार नहीं है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह जो कल तक बयान नहीं दे रहे थे वह भी खुलकर बोलने लगे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने 19 और 20 फरवरी को सिन्हा लाइब्रेरी में बैठक बुलाई है. कुशवाहा ने एक पत्र जारी कर जदयू की कमजोर होती स्थिति और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रवैये पर बड़ा सवाल किया है. जिस पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा को जवाब देते हुए कहा कि सब मनगढंत बातें हैं.