लाइव सिटीज पटना: केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर बीजेपी और जदयू में बयानबाजी तेज है. जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश सचिव एवं राज्य परिषद के सदस्य रंजीत कुमार झा ने कहा कि भाजपा के नेता धृष्टता पर उतर आये हैं. और उनकी भाषा से ऐसा प्रतीत होता है कि वो किसी निजी बदले और खीझवश राजनैतिक मर्यादा से बाहर जाकर बातें बोल रहे हैं.
जनता दल (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा की गई अमर्यादित टिप्पणी पर रंजीत झा ने कहा कि सिन्हा जी जब सदन के आसन पर बैठे थे तो उस पवित्र जगह का मान तो वे रख नहीं पाये, अब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरफ़ उंगली उठा रहे हैं.
रंजीत झा ने कहा कि आज जो सिन्हा जी केंद्रीय जांच एजेंसियों का पक्ष लेकर असभ्यता की पराकाष्ठा पार करते जा रहे हैं ये और इनके “जाँच-वीर” तब कहाँ थे और केंद्र सरकार ने महागठबंधन की सरकार बनने से पहले यह मामला क्यों नहीं उठाया? नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए हैं और राजद उनका साथ दे रहा है तो अचानक सीबीआई को साक्ष्य कहां से मिल गया.
जदयू नेता ने कहा कि केंद्र सरकार अपने उत्तरादायित्वों के निर्वहन में विफल है तथा वह विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए शक्ति का गलत उपयोग कर रही है. रंजीत झा ने चेतावनी देते हुए कहा कि भाजपा तत्काल अपनी जाँच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद करे और अपने विजय कुमार सिन्हा जैसे बड़बोले नेताओं की भाषा पर लगाम लगाए क्योंकि हमको भी पता है कि उज्जला योजना, आयुष्मान भारत, जन धन योजना का डेटा भाजपा वाले अपनी जाँच एजेंसियों को क्यों नहीं देते. देश में 81 हजार करोड़ों रुपए का फ्रॉड हुआ, उसकी जांच कराएं. एसबीआई, एलआईसी में आम जनता का पैसा है। वे बताए की फ्रॉड हुआ की नहीं.