लाइव सिटीज पटना: बिहार में जातीय गणना के दूसरे चरण का काम 15 अप्रैल से शुरू हो रहा है. उससे पहले बिहार के सभी जातियों के लिए एक कोड जारी किया गया है. हालांकि भाजपा को यह रास नहीं आया है. पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने जातीय गणना पर सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश सरकार संविधान के विपरीत जाकर काम कर रही है. इसे तत्काल वापस लेना चाहिए.
संजय जायसवाल ने कहा कि जातीय गणना शुरू होने से पहले सबी दलों की पहले बैठक बुलाई थी, इस बार बैठक नहीं बुलाई गई. जिसके कारण इस पर चर्चा नहीं हुई. अब गणना का जो फार्मेट तैयार किया गया है, वह बिल्कुल गलत है. इसमें ईसाई हरिजन शब्द का प्रयोग कर अलग से गणना की जा रही है. बाबा साहेब के बनाए संविधान में दलितों के लिए कोई जाति नहीं होने की बात कही गई है.. यह संविधान के खिलाफ है कि ईसाई हरिजन कर उनके लिए अलग से गिनती की जाए.
वहीं हिन्दूओं और मुस्लिमों की गिनती साथ में कराने पर आपत्ति जताते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि उसी तरह से हिन्दूओं के साथ मुस्लिमों की गिनती कराना भी कहीं से सही नहीं है. अल्प संख्यक समाज की सदैव गिनती होती है, ऐसे में हिन्दुओं के साथ जोड़ने की बात कहीं से भी सही नहीं है. बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम यह नहीं कहते हैं कि जातीय गणना नहीं होनी चाहिए. लेकिन जिस तरह से इसे तैयार किया गया है, वह बताता है कि नीतीश कुमार सिर्फ जातीय विद्वेष के लिए करा रहे हैं. संजय जायसवाल ने यहां तक कह दिया कि राज्य सरकार का यह फैसला बिल्कुल संविधान का उल्लंघन है, इसे सरकार को तत्काल वापस लेना चाहिए.
बिहार में राज्य सरकार अपने खर्चे पर जातिगत जनगणना करा रही है. दूसरे चरण की गणना की शुरुआत 15 अप्रैल से होगी. 15 मई तक चलने वाली गणना के दौरान घर जाने वाले कर्मी आपकी जाति पूछेंगे. इसका पहला चरण मकान गणना के रूप में पूरा हो चुका है. अब असल में जातियों के हिसाब से जन की गणना का वक्त करीब आ गया है. ऐसे में सरकार की ओर से जातियों के लिए कोड निर्धारित किए गए हैं.