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सीएम नीतीश के नेतृत्व में बिहार अब विकास, सुशासन और नये अवसरों का पर्याय बन चुका है- मंत्री अशोक चौधरी

लाइव सिटीज, पटना: पूरा बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का अपना परिवार है। उन्होंने इक्कीसवीं सदी में एक ऐसे बिहार का सपना देखा है जो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और स्वावलंबी हो। न्याय के साथ विकास की इस दूरदृष्टि के तहत उन्होंने न केवल हर वर्ग और हर व्यक्ति के लिए योजनाएँ बनाईं, बल्कि उनका ऐसा प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक इनका लाभपहुँचे। उक्त बातें बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री श्री अशोक चौधरी ने सीतामढ़ी जिला में ग्रामीण कार्य विभाग की विभिन्न सड़क, पुल-पुलिया एवं संपर्क मार्ग योजनाओं का मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास एवं कार्यारंभ के उपरांत जिले के रुन्नीसैदपुर में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में सम्मिलित होकर वहाँ उपस्थित परिवारजनों को संबोधित करने पहुंचे थे।

जनसंवाद कार्यक्रम में शामिल होने के लिए माँ जानकी की पुण्यभूमि सीतामढ़ी के रून्नीसैदपुर पहुँचे माननीय मंत्री श्री अशोक चौधरी का स्वागत विधायक श्री पंकज मिश्रा जी, हज़ारों कार्यकर्ता साथियों और स्नेहिल जनों ने अत्यंत उत्साहपूर्वक किया। इस अवसर पर आयोजित भव्य जनसंवाद कार्यक्रम में हजारों की संख्या में उपस्थित परिवारजनों को संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद बिहार को जब माननीय नेता श्री नीतीश कुमार जी ने संभाला, तब राज्य की अर्थव्यवस्था जर्जर थी, आधारभूत संरचना लगभग न के बराबर थी, और औद्योगिक क्षेत्र एवं संसाधन भी हाथ से निकल चुके थे। यह एक ऐतिहासिक चुनौती थी।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने अटूट संकल्प, बिहार की जनता को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के अटूट प्रयास, कुशल वित्तीय प्रबंधन और दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर आज के तेज़ी से प्रगति कर रहे, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बिहार की नींव रखी है। यह वही बिहार है जो अब विकास, सुशासन और नये अवसरों का पर्याय बन चुका है।

उन्होंने कहा कि, “2005 से पहले बिहार की पहचान पिछड़े राज्य के रूप में होती थी। विकास दर मात्र 2.3% थी, बजट ₹23,000 करोड और गरीबी दर 46% थी। लेकिन आज बिहार की विकास दर 10% के आसपास है, बजट ₹3.17 लाख करोड़ से अधिक और गरीबी दर घटकर 16% रह गई है। यह बदलाव किसी एक योजना से नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री जी की नेतृत्व क्षमता और जनसमर्पित सोच का परिणाम है।”

श्री चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार जी की दूरदर्शी सोच ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का साधन बनाया है। वर्ष 2005 में जहाँ 10.5% बच्चे स्कूल छोड़ देते थे, आज यह आंकड़ा घटकर 1% से भी कम हो चुका है। विशेषकर महादलित, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़े वर्ग के बच्चों को तालीमी मरकज़ और टोला सेवक के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ा गया। बालिका पोशाक योजना और साइकिल योजना जैसी क्रांतिकारी पहलों ने लाखों बच्चियों को स्कूल लौटाया और उन्हें आत्मनिर्भरता की राह दिखाई। वर्ष 2005 में जहाँ मैट्रिक परीक्षा में मात्र 4 लाख विद्यार्थी सम्मिलित होते थे, आज यह संख्या 18 लाख को पार कर चुकी है, जिनमें 8.5 लाख बेटियाँ हैं यह नारी सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है।

जनसंवाद के दौरान श्री चौधरी ने माननीय मुख्यमंत्री द्वारा हाल में कार्यारम्भ किये गए ग्रामीण कार्य विभाग की सीतामढ़ी जिले की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। (विस्तृत विवरण संलग्न)

कार्यक्रम के अंत में उन्होंने उपस्थित सभी से अपील करते हुए कहा कि बिहार ने पिछले दो दशकों में जो बदलाव देखा है, वह माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी की दूरदृष्टि, ईमानदार नेतृत्व और “न्याय के साथ विकास” की अटूट प्रतिबद्धता का परिणाम है। गांव गांव पक्की सड़कें, बेहतर कानून व्यवस्था, युवाओं को शिक्षा और रोज़गार, महिलाओं का सशक्तिकरण और किसानों को मजबूती-यह सब उसी स्थिर और संवेदनशील नेतृत्व की देन है। आने वाले विधानसभा चुनाव में यह सिर्फ़ सरकार बदलने का सवाल नहीं, बल्कि विकास की इस रफ्तार को और तेज़ करने का संकल्प है। आइए, एकजुट होकर बिहार के स्वाभिमान, स्थिरता और प्रगति के लिए नीतीश कुमार जी को पुनः अपार बहुमत से विजयी बनाने का संकल्प लें।

कार्यक्रम में मंत्री अशोक चौधरी के साथ कैबिनेट में उनके साथी मंत्री, मोतिलाल प्रसाद , सांसद, सीतामढ़ी देवेन्द्र चन्द्र ठाकुर , विधायक, रुन्नीसैदपुर पंकज मिश्रा , विधायक, सीतामढ़ी मिथिलेश कुमार जी, विधायक, बथनाहा अनिल कुमार, विधान परिषद सदस्य (MLC) रेखा कुमारी , पूर्व सांसद राम कुमार शर्मा , पूर्व मंत्री रंजू गीता , बिहार राज्य नागरिक परिषद के महासचिव छोटू सिंह, 20 सूत्री उपाध्यक्ष सह जेडीयू जिला अध्यक्ष सत्येन्द्र कुशवाहा जी, विभाग के अभियंता व पदाधिकारीयों सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।

सीतामढी ज़िले में स्वीकृत सडकों पलों का वर्ष-वार एवं योजना-वार विवरण इस प्रकार है-

सीतामढ़ी जिला (स्वीकृत) वित्तीय वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम (RRSMP) के अंतर्गत 244 सड़कें, कुल लंबाई 318.651 किमी, लागत ₹350.042 करोड़ (स्वीकृत); मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना (MGSY) के अंतर्गत 30 पुल, लागत ₹145.482 करोड़ (स्वीकृत); NABARD के अंतर्गत 8 पुल, लागत 239.859 करोड़ (स्वीकृत); तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत 50 सड़कें, कुल लंबाई 69.163 किमी, लागत 290.9672 करोड़ (स्वीकृत) हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में RRSMP के अंतर्गत 74 सड़कें, कुल लंबाई 71.73 किमी, लागत ₹72.009 करोड़ (स्वीकृत) हैं। इस प्रकार स्वीकृत कार्यों का कुल योग 368 सड़कें (459.54 किमी) और 38 पुल, कुल लागत 2698.358 करोड़ है।

सीतामढ़ी जिला (प्रस्तावित) वित्तीय वर्ष 2025-26 में MGSY के अंतर्गत 14 पुल, लागत ₹60 करोड़ (प्रस्तावित); NABARD के अंतर्गत 2 पुल, लागत 29.912 करोड़ (प्रस्तावित); तथा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत 5 सड़कें, कुल लंबाई 3.5 किमी, लागत 23.85 करोड़ (प्रस्तावित) हैं। कुल प्रस्तावित कार्य 5 सड़कें (3.50 किमी) और 16 पुल, कुल लागत 273.762 करोड़।

बाजपट्टी विधानसभा वित्तीय वर्ष 2024-25 में RRSMP के अंतर्गत 46 सड़कें, कुल लंबाई 68.600 किमी, लागत 268.375 करोड़ (स्वीकृत); MGSY के अंतर्गत 6 पुल, लागत 218.825 करोड़ (स्वीकृत); NABARD के अंतर्गत 7 पुल, लागत 216.556 करोड़ (स्वीकृत); तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत 17 सड़कें, कुल लंबाई 22.200 किमी, लागत 227.604 करोड़ (स्वीकृत) हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में RRSMP के अंतर्गत 7 सड़कें, कुल लंबाई 11.140 किमी, लागत ₹11.342 करोड़ (प्रस्तावित) हैं। कुल योग 70 सड़कें (101.940 किमी) और 13 पुल, कुल लागत 2142.702 करोड़।

बथनाहा विधानसभा वित्तीय वर्ष 2024-25 में RRSMP के अंतर्गत 47 सड़कें, कुल लंबाई 64.324 किमी, लागत 272.326 करोड़ (स्वीकृत); MGSY के अंतर्गत 5 पुल, लागत 228.116 करोड़ (स्वीकृत); NABARD के अंतर्गत । पुल, लागत ₹23.303 करोड़ (स्वीकृत); तथा वित्तीय वर्ष 2025-26 में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत 7 सड़कें, कुल लंबाई 9,018 किमी, लागत 211.108 करोड़ (स्वीकृत) हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में RRSMP के अंतर्गत 10 सड़कें, कुल लंबाई 10.660 किमी, लागत ₹12.058 करोड़ (प्रस्तावित) हैं। कुल योग 64 सड़कें (84.002 किमी) और 6 पुल, कुल लागत ₹146.911 करोड़।

बेलसंड विधानसभा – वित्तीय वर्ष 2024-25 में RRSMP के अंतर्गत 22 सड़कें, कुल लंबाई

20.270 किमी, लागत 222.012 करोड़ (स्वीकृत); MGSY के अंतर्गत 4 पुल, लागत 219.204 करोड़ (स्वीकृत) हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में RRSMP के अंतर्गत 10 सड़कें, कुल लंबाई 10.840 किमी, लागत ₹11.407 करोड़ (प्रस्तावित) हैं। कुल योग 32 सड़कें (31.110 किमी) और 4 पुल, कुल लागत ₹52.623 करोड।

परिहार विधानसभा – वित्तीय वर्ष 2024-25 में RRSMP के अंतर्गत 14 सड़कें, कुल लंबाई

22.370 किमी, लागत ₹27.417 करोड़ (स्वीकृत) MGSY के अंतर्गत 2 पुल, लागत ₹15.274 करोड़ (स्वीकृत) हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 में RRSMP के अंतर्गत सड़क, कुल लंबाई 2.600 किमी, लागत 22.879 करोड़ (प्रस्तावित): तथा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत 2 सड़कें, कुल लंबाई 2.375 किमी, लागत 23.472 करोड़ (प्रस्तावित) हैं। कुल योग 17 सड़कें (27.345 किमी) और 2 पुल, कुल लागत ₹49.042 करोड़।

रीगा विधानसभा – रीगा विधानसभा (स्वीकृत) वित्तीय वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम (RRSMP) के अंतर्गत 56 सड़कें, लंबाई 48.412 किमी, कुल लागत ₹49.266 करोड़ (स्वीकृत); मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना (MGSY) के अंतर्गत 6 पुल, कुल लागत ₹19.288 करोड़ (स्वीकृत)। वित्तीय वर्ष 2025-26 में RRSMP के अंतर्गत 13 सड़कें, लंबाई 12.620 किमी, लागत ₹11.934 करोड़ (स्वीकृत)। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत 2 सड़कें, लंबाई 2.380 किमी, लागत ₹7.598 करोड़ (स्वीकृत)। कुल 71 सड़कें, 63.412 किमी, 6 पुल, ₹88.086 करोड़ (स्वीकृत)। वित्तीय वर्ष 2025-26 में MGSY के अंतर्गत 2 पुल, लागत ₹2.400 करोड़ (प्रस्तावित)।

सुरसंड विधानसभा सुरसंड विधानसभा (स्वीकृत) 2024-25 में RRSMP के अंतर्गत 34 सड़कें, लंबाई 66.975 किमी, लागत 283.021 करोड़ (स्वीकृत)। MGSY के अंतर्गत 5 पुल, लागत 233.804 करोड़ (स्वीकृत)। 2025-26 में RRSMP के अंतर्गत 3 सड़कें, लंबाई 3.400 किमी, लागत 23.499 करोड़ (स्वीकृत), मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत 8 सड़कें, लंबाई 13.855 किमी, लागत ₹16.507 करोड़ (स्वीकृत)। कुल 45 सड़कें, 84.230 किमी, 5 पुल, ₹136.831 करोड़ (स्वीकृत)।

रूनीसैदपुर विधानसभा रूनीसैदपुर विधानसभा (स्वीकृत) 2024-25 में RRSMP के

अंतर्गत 15 सड़कें, लंबाई 13.980 किमी, लागत ₹13.942 करोड़ (स्वीकृत); MGSY में 2 पुल, लागत ₹10.971 करोड़ (स्वीकृत)। 2025-26 में RRSMP के अंतर्गत 28 सड़कें, लंबाई 18.260 किमी, लागत ₹17.045 करोड़ (स्वीकृत)। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत 10 सड़कें, लंबाई 10.725 किमी, लागत ₹13.458 करोड़ (स्वीकृत)। कुल 53 सड़कें, 42.965 किमी, 2 पुल, ₹55.415 करोड़ (स्वीकृत)। वर्ष 2025-26 में मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना (MGSY) के अंतर्गत 4 पुल, लागत ₹28.100 करोड़ (प्रस्तावित)। NABARD के अंतर्गत 1 पुल, लागत ₹8.748 करोड़ (प्रस्तावित) तथा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष) के अंतर्गत 3 सड़कें, लंबाई 1.600 किमी, लागत ₹1.760 करोड़ (प्रस्तावित)। कुल 3 सड़कें (1.600 किमी) और 5 पुल, लागत ₹38.608 करोड़ (प्रस्तावित

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