लाइव सिटीज, पटना: पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने के मामले पर जदयू भाजपा आमने-सामने है. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने केंद्र सरकार और बीजेपी के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग के बावजूद प्रधानमंत्री ने कुछ भी नहीं बोला और आज तक पीयू को केंद्रीय दर्जा नहीं मिल सका. हालांकि इस मसले पर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने जदयू और राजद को कठघरे में खड़ा किया था.
पीयू को केंद्रीय दर्जा दिलाने के मामले में ट्वीट करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, जब नीतीश कुमार और लालू प्रसाद ताकतवर केंद्रीय मंत्री हुआ करते थे, तब ये दोनों पटना विश्वविद्यालय (पीयू) को केंद्रीय दर्जा क्यों नहीं दिला पाए. लालू प्रसाद तो यूपीए सरकार में इतने पावरफुल थे कि आधी रात में कैबिनेट की बैठक करवाकर उन्होंने 2005 में बिहार को राष्ट्रपति शासन के हवाले करा दिया था. जिन लोगों ने वर्षों तक केंद्र की सत्ता में रहने के बावजूद पटना विश्वविद्यालय के लिए कुछ नहीं किया, वे आज ऊंची आवाज में रुदाली गा रहे हैं
सुशील मोदी ने कहा, केंद्र सरकार ने पीएम पैकेज के तहत विक्रमशिला खंडहर के निकट नालंदा विश्वविद्यालय की तर्ज पर विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय किया, लेकिन नीतीश सरकार सात साल में भूमि नहीं उपलब्ध करा पायी. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव में चार पद जीतने से छात्र-जदयू और उनके राजनीतिक आकाओं को ज्यादा इतराना नहीं चाहिए. आज भी विश्वविद्यालय कैम्पस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद प्रभावी है.
सुशील मोदी ने आगे कहा, छात्र संघ चुनाव में किस तरह सत्ता की हनन दिखाई गई और करोड़ों रुपये बहाए गए, यह किसी से छिपा नहीं है. छात्र जदयू की सफलता नीतीश कुमार की जीत नहीं है. महागठबंधन को ज्यादा खुश होने के बजाय इसकी चिंता करनी चाहिए कि आइसा, माले के समर्थन के बावजूद छात्र-राजद एक भी पद पर क्यों नहीं जीत पाया.