लाइव सिटीज, नालंदा: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बिहार के लोग आज रोजगार के अभाव में बड़े पैमाने पर पलायन कर रहे हैं। यहां रोजगार की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। पहले सरकार इलाज कराती थी, अब आम आदमी को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। सरकार निजी अस्पतालों को जमीन तो देती है, लेकिन आम लोगों की सेहत की जिम्मेदारी से पीछे हट रही है।
राहुल गांधी राजगीर के अंतरराष्ट्रीय समागम केंद्र में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सार्वजनिक मंच से बिहार की कानून व्यवस्था, रोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों को कठघरे में खड़ा किया।
जातीय जनगणना के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि इस प्रक्रिया के महत्व को समझने में उन्हें भी समय लगा। जातीय जनगणना सामाजिक न्याय की नींव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि देश में जाति नहीं है, तो फिर वे खुद ओबीसी कैसे हो गए? राहुल गांधी ने कहा- ‘मेरा लक्ष्य है कि देश में पारदर्शी और सच्ची जातीय जनगणना हो। जिस दिन सही जातीय जनगणना हो गई, उस दिन इनकी राजनीति खत्म हो जाएगी।
राहुल गांधी ने कहा कि देश की 90 प्रतिशत आबादी दुख की ‘शेयरहोल्डर’ है, लेकिन उनकी सत्ता और फैसलों में कोई भागीदारी नहीं है। मैंने जब देश को गहराई से समझा, तब पाया कि राजनीति में इन 90 प्रतिशत लोगों की कोई जगह नहीं है।