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पीएम मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का किया उद्घाटन, खंडहर देखा 

लाइव सिटीज, नालंदा: करीब 800 साल बाद फिर से नालंदा विश्वविद्यालय का पुराना गौरव लौटने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन कर दिया है. उनके साथ इस कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस जयशंकर, नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अरविंद पनगढ़िया और 17 भागीदार देशों के राजदूत भी मौजूद हैं. 

नालंदा विश्वविद्यालय के कैंपस में 24 बड़ी इमारतें बनाई गई हैं. 40 हेक्टेयर में जलाशय, अखाड़ा, ध्यान कक्ष, योग शिविर, स्पोर्ट्स स्टेडियम, एथलेटिक्स ट्रैक, ऑडिटोरियम, आउटडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम, व्यायामशाला, अस्पताल , पारंपरिक जल नेटवर्क, सोलर फार्म, महिलाओं के लिए तथागत निवास हाल, शॉपिंग कांप्लेक्स और फूड कोर्ट का भी निर्माण किया गया है. नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास 19 सितंबर 2014 को तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया था.

इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, ’21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है. आज भारत में योग की सैकड़ों विधाएँ मौजूद हैं. हमारे ऋषियों ने कितना गहन शोध इसके लिए किया होगा! लेकिन, किसी ने योग पर एकाधिकार नहीं बनाया. आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है, योग दिवस एक वैश्विक उत्सव बन गया है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘प्राचीन नालंदा में बच्चों का एडमिशन, उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। हर देश, हर वर्ग के युवा यहां आते थे. नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से मजबूती देनी है. दुनिया के कई देशों से यहां छात्र आने लगे हैं. यहां नालंदा में 20 से ज्यादा देशों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. ये वसुधैव कुटुंबकम की भावना का कितना सुंदर प्रतीक है.

पीएम मोदी ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था. शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है. शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है. प्राचीन नालंदा में बच्चों का प्रवेश उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख कर नहीं होता था. हर देश हर वर्ग के युवा हैं यहां पर. नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए परिसर में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से आधुनिक रूप में मजबूती देनी है और मुझे ये देख कर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से आज यहां कई विद्यार्थी आने लगे हैं

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