लाइव सिटीज, मोतिहारी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि बाबासाहब भीमराव आंबेडकर नहीं होते तो पंडित जवाहरलाल नेहरू अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) को आरक्षण नहीं मिलने देते।प्रधानमंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण की राजनीति और सनातन विरोधी सोच के साथ खड़ा है और चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के साथ ही इन सभी को बड़ा झटका लगेगा।
बिहार के पूर्वी चंपारण संसदीय क्षेत्र में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘बाबासाहब आंबेडकर ना होते तो नेहरू जी एससी-एसटी को आरक्षण नहीं मिलने देते। उन्होंने तो मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इसका विरोध किया था। नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक इस परिवार के जितने प्रधानमंत्री हुए, सबने ओबीसी आरक्षण का विरोध किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के पास एक ही वोट बैंक आज बचा है और वे उसे खुश करने के लिए एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण धर्म के आधार पर आपसे छीनकर ‘वोट जिहाद’ वालों को देना चाहते हैं। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता इसलिए ये संविधान बदलना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा,‘‘मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड आपके सामने है। 10 साल में करीब-करीब चार सौ सांसदों का हमें समर्थन रहा जिसका उपयोग पिछड़ों, वंचितों को सशक्त करने के लिए किया गया है। राजग ने पहले दलित बेटे को और फिर हमारे देश की आदिवासी बेटी को संविधान के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर बिठाया। हमारी सरकार है जिसने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।’’ मोदी ने कहा, ‘‘पहले केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सैनिक स्कूलों में ओबीसी आरक्षण नहीं था, मोदी सरकार ने आरक्षण लागू किया। मेडिकल पढ़ाई में भी केंद्रीय कोटा में पहली बार ओबीसी आरक्षण हमने लागू किया। एससी, एसटी और ओबीसी सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं तो भाजपा-राजग के शासनकाल में हैं। सामाजिक न्याय की ऐसी हर गारंटी को पूरा करने के लिए आपको केंद्र में मोदी की मजबूत सरकार बनानी है।