लाइव सिटीज, पटना: एक तरफ जहां बिहार की राजनीति दिन-ब-दिन गर्म होती दिख रही है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के वाराणसी रैली को लेकर सियासत तेज हो गई है. एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो कहा जा रहा है कि अगर कॉलेज परिसर में पब्लिक मीटिंग करने के लिए जगह दी गई तो उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी और कॉलेज बिल्डिंग पर बुलडोजर चला दिया जाएगा. सीएम नीतीश की वाराणसी रैली को रद्द कराने के लिए ये पूरी साजिश उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा रचा गया.
बता दें कि 24 दिसंबर को वाराणसी में प्रस्तावित सीएम नीतीश की रैली स्थगित होने के बाद जेडीयू ने योगी आदित्यनाथ की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. यह आरोप जदयू के यूपी प्रभारी श्रवण कुमार ने शुक्रवार को लगाया. इस आरोप के बाद बिहार और यूपी के सियासी गलियारों में सियासत तेज हो गई है.
श्रवण कुमार ने कहा है कि, ”यूपी की भाजपा सरकार ने जानबूझकर सीएम नीतीश की रैली को रद्द कराने की साजिश रची है. इसके लिए रोहनिया की इंटर कॉलेज के कॉलेज प्रशासन पर दबाद बनाया गया.” आगे उन्होंने कहा है कि, ”जब हमने जनसभा करने के लिए कॉलेज प्रशासन से अनुमति मांगी तो 5 दिनों तक प्रबंधक ने हम लोगों को कहा कि हम जनसभा कर सकते हैं, लेकिन छठे दिन हमारे प्रतिनिधियों को कहा गया है कि हम पर दबाव है. हमारे कॉलेज की मान्यता रद्द करने की धमकी दी जा रही है. हमारे कॉलेज पर बुलडोजर चलाने की धमकी दी गई है. ऐसे में आपको यहां सार्वजनिक बैठक करने की इजाजत देना संभव नहीं है.”
साथ ही आगे श्रवण कुमार ने कहा कि, ”हमने इसकी जानकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को दी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया कि फिलहाल इस कार्यक्रम को वहीं स्थगित कर दिया जाए.” आगे उन्होंने कहा कि, ”यूपी की भारतीय जनता पार्टी सरकार चाहती है कि नीतीश कुमार की रैली वहां न हो, इसीलिए कॉलेज प्रबंधन पर दबाव बनाकर उन्हें डराया गया.” साथ ही श्रवण ने कहा कि, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डरे हुए हैं. उन्हें डर है कि अगर सीएम नीतीश उनके संसदीय क्षेत्र में जनसभा करेंगे तो पीएम मोदी का झूठ बेनकाब हो जाएगा.”