लाइव सिटीज, पटना: विशेष दर्जा के मुद्दे और बिहार की नई आरक्षण नीति पर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि देश जानता है दलितों, पिछड़ों और गरीबों के लिए जो नौकरियों से लेकर शिक्षण संस्थानों में नामांकन के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाई गई है यह उनको न्याय दिलाने की कोशिश है और इसको लोग अनावश्यक कानूनी पेचीदगी या न्यायालय प्रक्रिया में ना उलझा दे इसलिए हम लोगों ने मांग की है और कैबिनेट से यह फैसला हुआ है और केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है इसको 9वीं अनुसूची में शामिल कर दिया जाए.
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि यह भी बात नहीं है कि कोई ऐसी बात कह दी गई है जो आज तक नहीं हुआ है. आज तक हमको लगता है 280 से अधिक सामाजिक प्रगति सेल कानून को 9वीं अनुसूची में डाला गया है उसी के तहत हम लोगों ने भी मांग की है. राज्य परिषद का निर्णय और बिहार की जनता की ओर से जो समाज से वंचित हैं, जो गरीब हैं उनके लिए ये सब किया गया है और यह तो सभी जातों में है. हमने कहा कि है बिहार के लोगों को न्याय दिलाने की बात है और उसमें तो बीजेपी ने समर्थन भी किया है. अब उनकी अब उनकी मनसा या उनकी नीयत की स्पष्टता या ईमानदारी इसी में देखी जाएगी कि आप इसको 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए समर्थन का पहल करते हैं कि नहीं.
वित्त मंत्री ने कहा कि बीजेपी को भी कहेंगे कि अपने ईमानदारी से इस विधेयक का साथ दिया है अब उसको 9वीं अनुसूची में डलवाइए. इससे किसी का कुछ बिगड़ता नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विमर्श के कार्य में आ चुका है जहां तक नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री चेहरा की बात है तो यह ‘इंडिया’ गठबंधन के सारे दल के लोगों का फैसला है कि पहले हम लोग चुनाव लड़ लेंगे बहुमत आने के बाद फिर नेता का चयन बहुत आसानी से हो जाएगा.