लाइव सिटीज, पटना: बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र का आज बुधवार 8 नवंबर को तीसरा दिन है. आज भी सदन में जनसंख्या बढ़ोतरी और महिला शिक्षा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिये गये बयान को लेकर भाजपा के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. वे मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे थे. बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी जानबूझकर हंगामा करने का आरोप लगाया.
अशोक चौधरी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने अपने बयान को लेकर खेद जता दिया तो फिर इस तरह का हंगामा भाजपा सिर्फ और सिर्फ बिहार में आरक्षण सीमा बढ़ाए जाने के प्रस्ताव को लेकर ही कर रही है. मुख्यमंत्री के बयान का यह विरोध नहीं है, यह आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का विरोध है.
अशोक चौधरी ने कहा कि भाजपा के लोग शुरू से ही आरक्षण विरोधी हैं. यही कारण है कि जातीय गणना को बार-बार रोकने का प्रयास किया गया. आर्थिक सर्वेक्षण जब हम लोगों ने जारी कर दिया और सब कुछ साफ हो गया कि किस वर्ग के लोग कितने आर्थिक रूप से पिछड़े हैं और किस तरह से हम लोग इसका लाभ पहुंचाएंगे, उसके बाद भाजपा के लोग अब इसका विरोध कर रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी और अप्रत्यक्ष रूप से आरक्षण का विरोध कर रही है.
अशोक चौधरी ने कहा कि कई राज्यों ने आरक्षण की सीमा को बढ़ाए हैं. हम लोग भी अभी इसकी सीमा को बढ़ाने जा रहे हैं. सारा क्रेडिट महागठबंधन की सरकार को मिलेगी और इसको लेकर ही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में बेचैनी बढ़ी हुई है. यही कारण है कि वह कुछ से कुछ करके सदन की कार्यवाही को बाधित कर रही है, जो कहीं से भी उचित नहीं है.