लाइव सिटीज पटना: जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने पूर्व सीएम जीतनराम मांझी की पार्टी को छोटी दुकान बताया था. जिस पर घमासान जारी है. जन अधिकार पार्टी के मुखिया और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भी ललन सिंह के इस बयान पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि ये लोग छोटी दुकान कहकर छोटे दलों को खत्म करना चाहते हैं. उन्हें सबको साथ में लेकर चलना चाहिए. पप्पू यादव ने कहा कि उनके महागठबंधन में जाने का फैसला लालू और नीतीश करेंगे. उन्हें पप्पू यादव की भूमिका तय करनी चाहिए.
जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा मेरी छोटी पार्टी है. लेकिन जो लोग छोटी दुकान कह कर छोटी पार्टियों को खत्म करना चाहते हैं. उनका यह कहना है कि पप्पू यादव 2024 में एक सीट पर लड़े या दो सीट पर लेकिन मैं अपनी पार्टी जाप का कभी किसी के साथ मर्ज नहीं करूंगा. पप्पू यादव ने कहा कि विपक्ष की भूमिका मैंने हमेशा निभाई है. वो लोग अलग अलग समय में एनडीए के साथ रहे. लेकिन मैंने पांचों साल विपक्ष की भूमिका निभाई. पप्पू यादव ने कहा मैं महागठबंधन के साथ हमेशा रहा हूं. वहीं पप्पू यादव ने खुद को रंक बताते हुए कहा कि राजा तय करता है कि रंक की भूमिका क्या होगी. लालू जी, नीतीश जी और कांग्रेस को तय करना होगा कि पप्पू यादव की चुनाव में भूमिका क्या होगी. पप्पू यादव कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है.
वहीं पप्पू यादव ने जीतनराम मांझी के महागठबंधन से हटने पर कहा कि नेतागिरी तो कोई अध्यात्म का काम नहीं है. अवसरवादिता ही राजनेता का काम है. अब कोई विचारधारा पर राजनीति चलती ही नहीं है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वे तो कहते हैं कि वे हमसे ज्यादा पढ़े लिखे व्यक्ति हैं. तभी तो उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया गया. लेकिन किसी गठबंधन कोई भी दल रहता है उसकी महत्वाकांक्षा रहती है कि सम्मानजनक हिस्सेदारी मिले. जीतनराम मांझी की राजनीति अवसर के हिसाब से है.
बता दें कि जन अधिकार पार्टी के मुखिया और पूर्व सांसद पप्पू यादव की दरभंगा कोर्ट में पेशी हुई. आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में वो दरभंगा की अदालत में पेश होने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने जीतनराम मांझी के महागठबंधन से अलग होने पर टिप्पणी की. साथ ही दरभंगा में एम्स निर्माण में बीजेपी पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया. पप्पू यादव के दरभंगा कोर्ट परिसर में पहुंचते ही उनके समर्थकों की भाड़ी भीड़ उमड़ पड़ी. हालांकि पप्पू यादव ने समर्थकों शांत कर कोर्ट के अंदर गए और अपना बयान अदालत में दर्ज कराया.