लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: बिहार के बगहा में मध्याह्न भोजन खाने से 125 बच्चे बीमार पड़ गए थे. इसको लेकर प्रशांत किशोर ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाया है. कहा कि बिहार में स्कूलों में बच्चों को सड़ा हुआ खाना दिया जा रहा है. कहा कि पिलुवा वाली खिचड़ी खाएंगे और पढ़ाई नहीं करेंगे, तो मजदूर ही तो बनेंगे न. बता दें कि गुरुवार को बगहा के नरवल-बरवल पंचायत स्थित सरकारी स्कूल में गुरुवार को मध्याह्न भोजन खाने से 125 बच्चे बीमार पड़ गए थे.
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल चुकी है. शिक्षा व्यवस्था की बदतर स्थिति उजागर हो रही है. इस हकीकत से न तो बिहार की आम जनता और न ही उनके बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुन रहे. शिक्षा व्यवस्था की इस गर्त वाली स्थिति पर प्रशांत किशोर ने कहा कि आज सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो रही है, बल्कि बच्चों को पिलुवा वाली खिचड़ी खिलाई जा रही है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार जैसे गरीब राज्य में हर साल 40 हजार करोड़ रुपये शिक्षा बजट के नाम पर खर्च किए जा रहे हैं. 40 हजार करोड़ रुपये में आपके बच्चों को पिलुवा वाली खिचड़ी और साइकिल के सिवा और कुछ नहीं मिल रहा है. अगर आपके बच्चे स्कूलों में पिलुवा वाली खिचड़ी खाएंगे और पढ़ाई नहीं करेंगे, तो मजदूर ही तो बनेंगे न. चट्टे बट्टे जो अधिकारी हैं वह लोग शिक्षा व्यवस्था को बंदरबांट कर रहे हैं. जिसका नतीजा है कि पूरे प्रदेश में सरकारी स्कूलों की स्थिति ऐसी है कि गरीब परिवार वाले भी सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाना नहीं चाहते हैं. खिचड़ी खिलाकर बच्चों का भविष्य खराब किया जा रहा है.