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IAS सोनल गोयल ने कहा – वुमेन इंक्लूसिव गवर्नेस विकसित भारत की यात्रा में मील का पत्थर बन सकती है

लाइव सिटीज, सेंट्रल डेस्क: नई दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्रर के रूप में सेवारत वरिष्ठ IAS अधिकारी सोनल गोयल पटना स्थित बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान में राज्य और केंद्रीय प्रशासनिक सेवा के धारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित की.

बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान में बीती 29 मई से प्रांतीय लोक सेवा (PCS) से पदोन्नत होकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में आए. प्रशासनिक अधिकारियों समेत अन्य राजकीय સેવા મો વે પિતારિયો જો પ્રશિક્ષણ પર રતા તે નિમે વર્ણ સૃો મારાં મેં તેના સમાવેશી બ્રાન विषय पर व्याख्यान देने के लिए वरिष IAS अधिकारी सोनल गोयल को आमंत्रित किया गया था।

अपने व्याख्यान में महात्मा गाँधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का उल्लेख करते हुए IAS सोनल ने बताया कि महिलाओं के समावेश का सीधा प्रभाव, समाज में महिलाओं की स्थिति पर होगा. इससे न सिर्फ निर्णय लेने की प्रक्रिया में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ेगी. बल्कि नौकरशाही में उनकी आशाओं और आकांक्षाजों को भी प्रतिनिधि मिलेगा। शासन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने से महिलाओं और लड़कियों की शिक्षा सा और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े विषय अधिक प्रभावशाली तरीके से उभरकर सामने आयेंगे बराबरी के सिद्धांतों पर आधारित एक समावेशी राज्य समतामूलक समाज और एक राष्ट्र बनने की दिशा में यह एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

सोनल गोपाल ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत केंद्रीय वित्त मंत्रालय और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिलाओं के आगे बढ़ाने के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाओं जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं, दीनदयाल अंत्योदय योजना, नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन, महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट आदि योजनाओं के महत्व और उनके प्रभाव के बारे में भी प्रशिक्षुओं को विस्तार से जानकारी दी.

2014 में त्रिपुरा के गोमती जिले में डीएम और कलेक्टर रहने के दौरान सोनल गोयल ने नंदिनी नाम से एक पहल की शुरुआत की. इस पहल का उद्देश् गोमती जिले में महिलाओं और लड़कियों के वेलफेयर को प्रोटेक्ट कारना और उन्हें बढ़ावा देना था. इस पहल का नतीजा ये हुआ कि यह जिला, जो राय लिंगानुपात के कारण बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत राजा और केंद्र दोनों सरकारों द्वारा गोद लिया गया था, वहाँ लड़कियों स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर व्यापक बदलाव देखने को मिला.

सोनल गोयल की माने तो ऐसा शापद इसलिए सम्भव हो सका कि एक महिला होने के नाते वो वहां की महिलाओं की समस्याओं को संवेदना के एक अलग स्तर पर जाकर समझ सकी और साथ ही जिला प्रशासन की अपनी पूरी टीम को इस विषय को लेकर जागरूक और संवेदनशील बना सकीं.

सोनल गोयल भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष अधिकारी हैं. उन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) में पढ़ाई की है. कम्पनी सेक्रेटेरी के चमक-दमक मेरे करियर अलविदा कहकर उन्होंने लोक सेवा में जाने का इरादा किया और घर पर ही तैयारी में जुट गई.2008 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में टॉप करते हुए उन्होंने पूरे देश में 13वीं रैंक हासिल की और IAS अधिकारी बनकर देश की सेवा करने का अपना सपना पूरा किया.

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