लाइव सिटीज पटना: रोबोटिक माध्यम से कूल्हे और घुटने के सफल प्रत्यारोपण में पूरे भारत में अपनी अलग छवि बना चुके अनूप इंस्टीट्यूट आफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन के निदेशक डॉ आशीष सिंह ने एक और सफलता हासिल की है. डॉ आशीष सिंह ने एक मरीज का रोबोटिक माध्यम से सफल कूल्हे का प्रत्यारोपण किया है. इलाज के बाद मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है.
मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले के निवासी बीस वर्षीय जीशान के चाचा साबिर अली ने बताया कि उसके कूल्हे में शुरू से ही दिक्कत थी. जिनके कारण उनको चलने या बैठने में काफी दिक्कत हो रही थी. इस परेशानी को दूर करने के लिए उन्होंने पहले अपना ऑपरेशन करवाया था लेकिन उनको सफलता नहीं मिली थी.
साबिर ने कहा कि उनका एक रिश्तेदार नई दिल्ली में रहता है. उसने जब उनकी बीमारी की बेहतर इलाज के लिए जानकारी एकत्र की तो उन्हें पटना के डॉक्टर आशीष सिंह के बारे में जानकारी मिली. उनको यह बताया गया कि रोबोटिक माध्यम से कूल्हे और घुटने का सफल प्रत्यारोपण कराने और इलाज करने में डॉक्टर आशीष सिंह पूरे देश में ख्याति प्राप्त हैं.
साबिर अली ने कहा कि इसके बाद उन्होंने पटना में अनूप इंस्टीट्यूट आफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन में संपर्क किया. जहां डॉ आशीष सिंह से उनका इलाज शुरू हुआ. डॉ आशीष सिंह ने इलाज के क्रम में जीशान के कूल्हे में सफल तरीके से रॉड लगाया.
साबिर अली ने बताया कि जीशान के दोनों कूल्हे की हड्डी खराब हो गई थी. जीशान को यह बीमारी वंशानुगत थी. जिसके कारण उसे चलने, बैठने में काफी दिक्कत होती थी. हम लोगों ने करीब एक साल पहले डॉ. आशीष सिंह से संपर्क किया था. उन्होंने जीशान की पहले पूरी तरीके से जांच की और फिर आगे के इलाज के लिए जीशान के कूल्हे में लगे पहले के रॉड को निकाल दिया. और फिर डॉ. आशीष सिंह ने रॉड को लगाया. आज जिशान सेहतमंद जीवन जी रहा है.
साबिर अली ने बताया कि पिछले 20 वर्ष से जो परेशानी थी, उस परेशानी को डॉ आशीष ने बेहतर तरीके से इलाज करके दूर कर दिया. जीशान को एक तरह से नया जीवन मिला है. आज जीशान एकदम फिट है और अपने सभी काम को आराम से कर पा रहा है.