लाइव सिटीज पटना: देश की नई संसद के उद्धाटन को लेकर विपक्ष का विरोध जारी है. आरजेडी समेत देशभर की 19 सियासी दलों ने संयुक्त रूप से उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू ने भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की घोषणा की है. वहीं जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने आज प्रवक्ताओं के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नए संसद भवन के डिजाइन और विमल पटेल को ठेका दिए जाने पर सवाल खड़ा किया है. नीरज कुमार ने 6 सवालों के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा है.
नए संसद भवन को लेकर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी से 5 सवाल पूछे हैं. जिनमें सबसे पहला सवाल नए संसद भवन के डिजाइन और विमल पटेल को ठेका दिए जाने पर है, साथ ही नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से नहीं कराए जाने पर भी सवाल पूछा गया है. नीरज कुमार ने नए संसद भवन के डिजाइन पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि जब ब्रिटिश हुकूमत के समय संसद भवन बन रहा था, तब मंदिर के आकार की आकृति की स्वीकृति दी गई, उस समय भी त्रिकोणीय आकार का प्रस्ताव आया था जिसे ब्रिटिश हुकूमत ने रिजेक्ट कर दिया था, लेकिन इस बार त्रिकोणीय आकार के डिजाइन को स्वीकृति दी गई है और उस पर भवन बनाया गया है आखिर इसका क्या राज है यह सनातन धर्म का अपमान है.
नीरज कुमार ने ये भी पूछा है कि नए संसद भवन में सेंट्रल हॉल क्यों नहीं बनाया गया, जहां जॉइंट सेशन होता है. इसके अलावा उन्होंने ये भी पूछा कि नरेंद्र मोदी जब गुजरात में थे तो विमल पटेल को कई निर्माण का कार्य दिया. वाराणसी का कॉरिडोर का भी काम दिया गया जहां उन्होंने 300 शिवलिंग को तोड़ दिया और जब दिल्ली आए तो उन्हें संसद भवन के निर्माण का कार्य भी दिया गया है, उन्हें पदम श्री भी दिया गया. आखिर इतने बड़े आर्किटेक्ट हैं तो उन्हें दूसरे राज्यों में काम क्यों नहीं मिला. आखिर यह कौन सा खेला है.
वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम का सारे विपक्ष के दल विरोध कर रहे हैं. इसमें अगर कोई भाजपा का समर्थन भी कर रहा है तो वो नॉर्थ ईस्ट के कुछ दल हैं जो आज सरकार बदल जाए तो कल दूसरी तरफ जाकर बैठ जाएंगे. इस देश में मुखेर कानून चल रहा है. जो मोदी जी बोल दिया वही कानून बन गया. इसके आगे नए संसद भवन का उद्घाटन कार्यक्रम में नवीन पटनायक के तरफ से भाजपा के समर्थन करने को लेकर ललन सिंह ने कहा कि उनकी अपनी सोच है इसमें हमारा कोई किसी पर दबाव नहीं है.