लाइव सिटीज, पटना: माफिया आनंद मोहन की खूब चर्चा हो रही है.बीते दिनों उन्हें नीतीश कुमार की सरकार ने आनंद मोहन को जेल से रिहा कर दिया था.अब आनंद मोहन अपने बेटे की शादी की तैयारियों में लगे हुए है. हालिया दिनों में उन्होंने कई पार्टियों के बड़े नेताओं से मुलाकात भी की है. लेकिन बीएसपी चीफ मायावती को आनंद मोहन का रिहा किया जाना नहीं भाया है.
बीएसपी चीफ मायावती ने रविवार को आनंद मोहन मामले में बैक टू बैक दो ट्वीट किए. इसमें उन्होंने कहा, ‘बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आईएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनंद मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देशभर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है.
मायावती ने अगले ट्वीट में लिखा- ‘आनंद मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी और अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है.चाहे कुछ मजबूरी हो किंतु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे.
JDU के पूर्व सांसद आनंद मोहन पर गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या का दोषी ठहराया गया था. इस मामले में हाईकोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी. जिसके बाद से वो जेल में बंद हैं. हालांकि, अब उनकी रिहाई को लेकर नीतीश सरकार ने जेल मैनुअल में बड़ा बदलाव किया है. इसके मुताबिक, अब किसी सरकारी अधिकारी की हत्या में दोषी पाए गए अभियुक्त को भी उसके अच्छे आचरण के आधार पर जेल से रिहा किया जा सकता है.पहले ऐसा प्रावधान नहीं था.इसी को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है.