लाइव सिटीज संतोष कुमार (नालंदा): बिहारशरीफ में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हुए उपद्रव व हिंसक झड़प के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर इस बार बाबा मखदूम साहब के मजार पर ऐतिहासिक चिरागा मेला नहीं लगेगा. बड़ी दरगाह स्थित हजरत मखदूम शेख सरफुद्दीन अहमद यहिया मनेरी (बाबा मखदूम साहब) के 662 वें सालाना उर्स के दौरान लगने वाला ऐतिहासिक मेले व जुलूस का आयोजन इस बार नहीं होगा. सालाना उर्स सादगी के साथ किया जाएगा.
परंपरा के अनुसार हजरत मखदूम के आस्ताने पर चादर पोशी के लिए लोग विभिन्न अखाड़े से निकलकर बाबा मखदूम साहब के मजार तक आते थे लेकिन इस बार किसी भी अखाड़े से कोई जुलूस नहीं निकलेगा. देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु एवं जायरीन व्यक्तिगत रूप से श्रद्धा के साथ चादरपोशी करेंगे.
सालाना उर्स के आयोजन को लेकर जिलाधिकारी शशांक शुभंकर, पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा ने मखदूम ए जहाँ के गद्दीनशीं (पीर साहब) एवं अन्य प्रतिनिधि तथा संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. बाद में नालंदा एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि ईद के बाद बाबा मखदूम साहब के मजार पर लगने वाला उर्स इस बार सादगी से होगा. ईद पर्व और उर्स को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक व्यवस्था की गई है.
बाहर से आने वाले जायरीन के लिए सुरक्षा, पेयजल, शौचालय साफ-सफाई आदि आवश्यक व्यवस्था संबंधित विभागों के माध्यम से सुनिश्चित कराई जाएगी. इसके लिए जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया. बड़ी दरगाह में मेडिकल टीम भी तैनात रहेगी. साथ ही नियंत्रण कक्ष भी आवश्यक सुविधाओं एवं पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति के साथ क्रियाशील रहेगा. मुख्य मार्ग से आने वाले वाहन का प्रवेश सोगरा कॉलेज तक ही अनुमान्य होगा. वहां से श्रद्धालुओं को पैदल बड़ी दरगाह तक जाना होगा.
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को सभी आवश्यक व्यवस्था ससमय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. बैठक में मख़दूम ए जहां के गद्दीनशीं सैय्यद शाह सैफ़ुद्दीन अहमद फिरदौसी (पीर साहब), बड़ी दरगाह के अन्य प्रतिनिधिगण, पुलिस अधीक्षक,अनुमंडल पदाधिकारी बिहारशरीफ सहित विभिन्न संबंधित विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.