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पटना से ज्यादा तेज बनेगा दरभंगा एम्स, गड्ढा भरने और समतल करने पर 309 करोड़ खर्च करेगी सरकार

लाइव सिटीज पटना: पटना के बाद बिहार का दूसरा एम्स दरभंगा में बनने जा रहा है. दरभंगा एम्स के लिए आवंटित भूमि में मिट्टी भराई एवं विकास पर सरकार 309 करोड़ रुपये से अधिक राशि खर्च करेगी. मंगलवार को नीतीश कैबिनेट में दरभंगा एम्स के लिए जमीन के समतलीकरण के लिए 309 करोड़ 29 लाख 59 हजार रुपये खर्च करने की स्वीकृति मिल गई है. दरभंगा एम्स की स्थापना के उद्देश्य से बहादुरपुर अंचल अंतर्गत शोभन-एकमी बाईपास के निकट मौजा बलिया में कुल 189.17 एकड़ भूमि में मिट्टी भराई कर उसके समतलीकरण के लिए 309 करोड़ 29 लाख 59 हजार रुपये खर्च करने की स्वीकृति मिल गई है. राज्य सरकार की संस्था बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड, पटना द्वारा उक्त भूमि पर मिट्टी भराई, समतलीकरण एवं चहारदीवारी निर्माण के लिए दो दिन पहले (रविवार को) निविदा आमंत्रित की जा चुकी है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी 2023 में अपनी समाधान यात्रा के दौरान दरभंगा में एम्स के लिए चिह्नित भूमि का खुद स्थल निरीक्षण किया था. फिर मार्च 2023 के पहले सप्ताह में उनकी अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में दरभंगा एम्स के लिए शोभन-एकमी बाईपास के निकट भूमि आवंटित करने को मंजूरी दी गई थी. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में और बाहर भी स्पष्ट कहा है कि दरभंगा एम्स के लिए आवंटित भूमि के विकास के लिए जो कुछ भी करना होगा, राज्य सरकार अपने स्तर से कराएगी.

एम्स के लिए आवंटित भूमि आमस-दरभंगा फोरलेन से सिर्फ पांच किमी दूर है. इससे जाम में फंसे बिना दरभंगा एम्स तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा. साथ ही दरभंगा शहर की सीमा पर एम्स का निर्माण होने से शहर को एक नया विस्तार मिलेगा. क्षेत्र में नये आवासीय एवं व्यावसायिक परिसरों का निर्माण होगा और रोजगार के नये-नये अवसर पैदा होंगे. एम्स का निर्माण अलग भूमि पर होने से डीएमसीएच के विकास में भी सुविधा होगी और दरभंगा इलाज का एक बड़ा केंद्र बनेगा.

बता दें कि बिहार को जब दूसरा एम्स मिलने की बात हुई थी, तब इसके लिए कई शहरों से मांग उठने लगी थी. लेकिन दूसरा एम्स कहां बने, इसका फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को करना था, क्योंकि एम्स के लिए भूमि राज्य सरकार को मुफ्त उपलब्ध करानी थी. नीतीश कुमार ने कहा था कि पीएमसीएच के बाद बिहार का दूसरा सबसे पुराना मेडिकल कॉलेज अस्पताल डीएमसीएच है, इसलिए बिहार का दूसरा एम्स भी दरभंगा में ही बनेगा. डीएमसीएच उत्तर बिहार का सबसे पुराना बड़ा अस्पताल है, जहां संपूर्ण मिथिला के साथ-साथ नेपाल तक से मरीज इलाज के लिए पहुंचते रहे हैं.

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