लाइव सिटीज फुलवारी शरीफ,अजीत: मुसलमानों ने अकीदत के साथ रमजान का पहला रोजा रखा, जिसमें बड़े, बुजुर्ग, नौजवान और बच्चे सभी शामिल रहे और पूरे अकीदत के साथ रोजेदारों ने पाक व मुकद्दस माहे रमजान का पहला रोजा खोला. जैसे ही मगरीब की आजान हुई और पटाखे फोड़े जाने की आवाज सुनी तो रोजेदारों ने एक खजूर और एक गिलास शरबत से रोजा तोड़ा. बड़ों के साथ ही नन्हे रोजेदारो ने भी पहला रोजा रखा और उनमे रोजा को लेकर गजब का उत्साह देखा गया.
रोजेदारों ने रमजान के महीने में अल्लाह से अपने गुनाहों से तौबा की खैर मनाने और अल्लाह की इबादत में पहला दिन गुजारा. रोजा रखने के साथ ही इबादत का सिलसिला शुरू हो गया. शाम को अजान होते ही लोगों ने अपने अपने घरों से ही अल्लाह की बारगाह में दुआओं के लिए हाथ उठाए और फिर 6 बजकर 4 मिनट पर सायरन व पटाखे की आवाज फ़िज़ा में गूंजते ही खजूर और पानी से रोजा खोला. खजूर से रोजा तोडना सुन्नत माना जाता है.
घर के बड़े बुजुर्ग बच्चों को इफ्तार शरू करने के पहले सभी को अल्लाह का शुक्रिया अदा करने को कहते हैं. पहला रोजा था इसलिए घरों में दोपहर से ही इफ्तार की तैयारियां शुरू हो गई थीं . महिलाएं रोजा के दिनों में ज्यादा ही व्यस्त हो जाती है क्योंकि उन्हें घरो में सभी के लिए इफ्तार सामग्री बनाने होते है और उसके साथ ही इबादत का समय भी निकालना पड़ता है. ईफ्तार का दस्तरख्वान अलग-अलग पकवानों से सजा हुआ था. करीब दस मिनट बाद सभी लोगों ने इफ्तारी कर हाथ मुह धोने में लगे हैं . अब घरों में ही नमाज के लिए दुआ में हाथ उठा कर नमाज आदा की गयी है . बाद नमाज सभी लोगों ने एक बार फिर से अल्लाह का शुक्रिया अदा किया और तरावीह की नमाज की तैयारियों में जुट गये.वहीं इशा की नमाज में घरो मे अदा करने के बाद तरावीह पढ़ने निकल गए.
रमजान मुबारक का पहला रोजा और रोजेदारों का उत्साह चरम पर बाजारों में खरीदारी करने उमड़ी भीड़
दिन में बाजारों में ईफ्तार और शहरी के सामानों की खरीदारी के लिये चहल पहल का माहौल रहा. वहीं शाम होते ही लोगों ने इफ्तारी की तैयारियां शुरू कर दी. घरों में महिलाओं ने रमजान के पहला रोजा खोलने को लेकर तरह-तरह के पकवान और फल के इंतजाम में जुटी रही. रमजान का पहला रोजा खोलने के लिए एकता और शहरी के सामानों की खरीदारी के लिए फुलवारी शरीफ और आसपास के मुस्लिम बहुल इलाके के बाजारों में लोगों की भीड़ सुबह से शाम तक उमड़ी रही. हालांकि इस बीच जुम्मा का नमाज पढ़ने के लिए बाजारों में 2 घंटे के लिए सन्नाटा पसरा रहा . हर कोई अपने अपने हिसाब के जरूरत के सामान खरीदने में मगन रहे . कोई मिसवाक का दातुन खरीद रहा था तो कोई टोपी, वही कोई पकवान की सामग्री खरीद रहा था तो कोई बनिया की दुकान पर भीड़ में अपनी बारी का इंतजार कर रहा था. बाजारों में सबसे ज्यादा भीड़ सब्जी और फलों की दुकानों पर देखा गया.