लाइव सिटीज पटना: ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की सांसद सदस्यता रद्द कर दी गयी है. इसके बाद से विपक्ष केन्द्र सरकार को आड़े हाथों ले रहा है. हर कोई इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं. इसी कड़ी में जदयू और आरजेडी ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की है. दोनों पार्टियों ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. और कहा कि निर्लज्जता और तानाशाही का घालमेल अपने चरम पर.
राहुल गांधी की सांसद सदस्यता रद्द किए जाने का कॉपी को अटैच करते हुए हुए आरजेडी ने लिखा है कि निर्लज्जता और तानाशाही का घालमेल अपने चरम पर! इसके अलावा पार्टी के नेताओं और प्रवक्ताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है. आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद से सदस्यता समाप्त करना भाजपा के तानाशाही का सबसे बड़ा प्रमाण है. लोकतंत्र और संविधान के साथ यह खिलवाड़ है. भाजपा विपक्ष को समाप्त करना चाहती है. 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने संतुलन खो दिया है. सभी समान विचारधारा वाले दल एक होकर मुकाबला करें.
वहीं जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि जिस तरह लोकतंत्र को लाठी तंत्र से भाजपा के लोग चला रहे हैं वह कहीं से भी ठीक नहीं है. हमें लगता है कि मोदी सरकार के दबाव में आकर यह सब किया गया है. पूरा देश देख रहा है कि किस तरह राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त की गई है. इस तरह की राजनीति देश में भाजपा के लोग कर रहे हैं, क्या यही उनका नैसर्गिक न्याय है. कुछ भी हो जाए लेकिन जनता सब कुछ याद रखती है. समय आने पर ऐसे लाठी तंत्र वाले को जवाब जरूर मिलेगा.
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई. वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे. लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी है. मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी. राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है.