लाइव सिटीज पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई. मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी. इसको लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है. वहीं महागठबंधन के नेताओं ने भी राहुल गांधी को हुई सजा के मामले में बिहार विधानसभा के मुख्य द्वार से लेकर सदन तक मार्च निकाला. सबसे बड़ी बात यह रही कि इस मार्च से सीएम नीतीश कुमार की पार्टी गायब रही. इसको लेकर कई तरह की अटकलें भी लगाई जा रही है. अब इस मामले पर जदयू ने सफाई दी है.
इस मुद्दे को लेकर जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि महागठबंधन के मार्च में जेडीयू से कोई क्यों नहीं था? इसकी मुझे जानकारी नहीं है. जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व से मार्च में शामिल होने के लिए महागठबंधन के दलों ने संपर्क किया था? इसकी भी मुझे जानकारी नहीं है. राहुल गांधी को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. यह अदालत का फैसला है.
नीरज कुमार ने कहा कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग तो हो रहा है लेकिन राहुल गांधी का मामले में न्यायालय ने आदेश दिया है. बता दें कि राहुल गांधी को दो साल की हुई सजा मामले पर महागठबंधन के नेताओं ने बैनर-पोस्टर लेकर मार्च निकाला. विधानसभा के मुख्य द्वार से सदन तक महागठबंधन के नेताओं ने मार्च किया, जिसमें जेडीयू शामिल नहीं थी. सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सदन में भी महागठबंधन के दल राहुल गांधी मामले पर हंगामा कर रहे थे लेकिन जेडीयू के नेता शांत बैठे थे.
बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही कैसे है? राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी. वायनाड से लोकसभा सदस्य गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित जनसभा में की थी. वहीं मानहानि केस में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई. वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे. लोकसभा सचिवालय से पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है.