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अभी बिहार नहीं आएंगे लालू यादव पर यहां की राजनीति को बहुत प्रभावित करेंगे, CM नीतीश ने भी की बात

लाइव सिटीज पटना: राजद के मुखिया लालू प्रसाद यादव किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सिंगापुर से भारत लौट आए हैं. शनिवार को देर शाम वे सिंगापुर से दिल्ली पहुंचे. 76 दिनों के बाद राजद सुप्रीमो दिल्ली लौटे हैं. हालांकि फिलहाल उन्हें पटना नहीं ले जाया है, वह दिल्ली में अपनी बेटी और राज्यसभा सांसद मीसा भारती के साथ रहेंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी फोन पर लालू यादव से बात की है और उनके स्वास्थ्य का हाल जाना. लालू यादव की वतन वापसी कई मायनों में खास है. उनकी गैरमौजूदगी में आरजेडी और जदयू के रिश्तों में खटास देखने को मिली है.

लालू यादव सिंगापुर से दिल्ली तो लौट आए हैं लेकिन अभी उनके बिहार आने की संभावना नहीं है. डॉक्टरों ने उन्हें प्रदूषण, धूल और एलर्जी से बचकर रहने की सलाह दी है. किसी सर्दी, खांसी वाले मरीज के दूर रहने को कहा है. वे सिंगापुर के डॉक्टरों के साथ ही एम्स के डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे. दरअसल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव सफल किडनी ट्रांसप्लांट के बाद आज सिंगापुर से भारत वापस लौट आए हैं. बता दें कि पिछले साल दिसंबर में उनकी किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी. उनकी बेटी रोहिनी आचार्या ने उन्हें अपनी किडनी दान की थी.

बिहार में जेडीयू के अंदर उथल-पुथल चल रहा है. तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री बनने में हो रही देरी पर लालू प्रसाद कौन सी रणनीतिक चालें चलते हैं, इसका इंतजार सबसे अधिक आरजेडी कार्यकर्ताओं को है. वहीं बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार होना है. कई आयोग आदि में पद रिक्त पड़े हैं. महागठबंधन के अंदर इस सब पर फैसला होना है. महागठबंधन के घटक दलों के संबंधों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश की राजनीति में लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा सियासी भूचाल आने वाला है और वह सिर्फ लालू यादव के पटना लौटने का इंतजार कर रहा है.

वहीं महागठबंधन में आरजेडी और कांग्रेस के रिश्ते भी ठीक नहीं हैं. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर आरजेडी और कांग्रेस आमने-सामने है. यही वजह है कि खरमास के बाद होने वाला कैबिनेट विस्तार को अब तक अंतिम विस्तार नहीं दिया गया है. वहीं नीतीश कुमार घोषणा कर चुके हैं कि 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव महागठबंधन डिप्टी सीएम तेजस्वी के नेतृत्व में लड़ेगा. नीतीश यह कहकर आरजेडी की उस बेचैनी को शांत करना चाहते थे कि आखिर तेजस्वी सीएम कब बनेंगे. पर आरजेडी की बेचैनी इससे शांत नहीं हुई है.

गोपलागंज और कुढ़नी के उपचुनाव में महागठबंधन की हार से यह बढ़ ही गई है. आरजेडी के बड़े तबके को लगने लगा है कि नीतीश के पास वोट ट्रांसफर करने की हैसियत अब बची नहीं है.ऐसा मानने वालों को लगता है कि 2025 तक इंतजार के बजाय अगले लोकसभा चुनाव से पहले ही सीएम की कुर्सी पर तेजस्वी काबिज हो जाएं. आरजेडी के लोग इसके लिए बार-बार डील की याद भी दिला रहे हैं और दूसरी तरफ उपेंद्र कुशवाहा इसी तथाकथित डील को लेकर नीतीश से सवाल भी पूछ रहे हैं. ऐसे में दिल्ली से ही लालू यादव बिहार की राजनीति पर नजर रखेंगे.

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