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झुनझुना लगता है तो पद छोड़ दें और संन्यास ले लें उपेंद्र कुशवाहा, नीतीश के मंत्री का बड़ा बयान

लाइव सिटीज पटना: जदयू में उपेंद्र कुशवाहा को लेकर छिड़ा संग्राम छिड़ा हुआ है. एक तरफ पार्टी में पद पर रहते हुए उपेंद्र कुशवाहा लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर हमला कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर जदयू के नेताओं द्वारा उपेंद्र कुशवाहा को भी जवाब दिया जा रहा है. उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना कर झुनझुना थमा दिया. जिस पर बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने जोरदार हमला बोला है. श्रवण कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद झुनझुना लगता है तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए और राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लेना चाहिए.

उपेंद्र कुशवाहा के दिए गए बयान कि मुझे संसदीय बोर्ड की पद देकर झुनझुना थमाया गया है. इस पर जवाब देते हुए मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पद का सारा फायदा उठाने के बाद अब कह रहे हैं कि झुनझुना थमाया गया. उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद झुनझुना लगता है तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए. मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि राजनीतिक और सामाजिक जीवन में किसी को कोई भी पद मिलता है वह काफी अहम होता है. उपेंद्र कुशवाहा को चाहे कार्यकर्ता का तगमा मिले या सांसद और विधायक का पद मिले, सभी पद अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. जिनको यह लगता है कि ये पद झुनझुना है तो उनको अपने राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लेना चाहिए.

मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा को संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था तब तो उन्हें इस बात की काफी खुशी हुई थी. लंबे समय तक उस पद पर बने रहे और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर सारे फायदे उठा लिए तब कहते हैं कि झुनझुना है, जो बहुत ही हास्यास्पद है. मंत्री ने कहा कि किसी भी पार्टी में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद महत्वपूर्ण और जवाबदेही वाला पद होता है. यह पद मर्यादा का पद होता है लेकिन जब इस पद पर बैठा व्यक्ति इस तरह की ओछी टिप्पणी करे तो यह कही से भी ठीक नहीं है.

बता दें कि जदयू में बागी हो चुके पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी ही पार्टी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना कर झुनझुना थमा दिया. पार्टी उनकी अनदेखी कर रही है. एमएलसी के पद के नाम पर लॉलीपॉप थमाया गया. कुशवाहा ने कहा कि मुझे तो पार्लियामेंट्री बोर्ड का सदस्य भी नियुक्त नहीं किया गया है. उम्मीदवार के चयन में मेरी भूमिका हो सकती थी लेकिन वह भी नहीं मिली.

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