लाइव सिटीज, पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का रामचरितमानस पर दिए बयान का देशभर में तीव्र विरोध शुरू हो गया है. चंद्रशेखर के रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला पुस्तक बताए जाने पर संत समाज में भी आक्रोश है. अयोध्या के महंत जगतगुरु परमहंस आचार्य ने जहां मंत्री के बयान की कड़ी आलोचना की है वहीं, इस विवाद में बिहार के पक्ष विपक्ष के नेता भी बयान दे रहे हैं. जेडीयू कोटे से मंत्री अशोक चौधरी ने आरजेडी विधायक और प्रदेश के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को नसीहत देते हुए कहा कि आप किस चीज को कहां बता रहे हैं यह भी बहुत जरूरी है. रामचरितमानस में चौपाई है, लेकिन किस संदर्भ में कही गई है यह भी लोगों को बताइए. इस तरीके से अगर आप रामचरितमानस की चौपाई को लोगों के बीच में रखिएगा और आप प्रदेश के शिक्षा मंत्री हैं तो नौजवानों में भ्रम पैदा होगा. शुक्रवार को मंत्री अशोक चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बातें कहीं.
अशोक चौधरी ने आगे कहा कि लोगों को हजारों साल से रामचरितमानस पर विश्वास है. महर्षि वाल्मीकि ने जब लिखा था तब रामचरितमानस इतना पॉपुलर नहीं हुआ था क्योंकि उनकी भाषा कठिन थी. इसके बाद जब तुलसीदास ने उसे जन-जन तक पहुंचाया. सबसे बड़ी बात है कि रामचरितमानस में सबरी कौन था? रामचरितमानस में वो नाविक और मल्लाह कौन था जिन्होंने भगवान राम को नदी पार कराया था.
शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान पर अशोक चौधरी ने कहा कि मुझे लगता है कि यह जल्दबाजी में दिया गया है. अशोक चौधरी ने कहा कि रामचरितमानस सनातन हिंदुओं का धर्मग्रंथ है. इस पर बहुत से लोगों का विश्वास है. आज भी जो हिंदू परिवार है उसके यहां सुंदरकांड, रामचरितमानस का हर दिन पाठ होता है. रामचरितमानस की चौपाई को पढ़ते हैं. इस तरह का बयान देना कहीं से उचित नहीं है.