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तेजस्वी यादव के खिलाफ दायर मानहानि केस पर हुई सुनवाई, गवाह हुए पेश, अब आगे क्या?

लाइव सिटीज पटना: गुजरातियों को ठग कहने के मामले में गुजरात के अहमदाबाद स्थित मेट्रो कोर्ट में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर शनिवार को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान फरियादी पक्ष की ओर से कोर्ट में तीन गवाह पेश हुए. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एक न्यूज चैनल के संपादक को नोटिस जारी किया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 12 जून को होगी. शिकायतकर्ता हरेश मेहता के वकील ने अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट में सबूत पेश किए. इस मामले की अगली सुनवाई 12 जून को होगी. सबूतों की जांच के बाद कोर्ट तेजस्वी यादव को समन भेजने या न भेजने का फैसला करेगी.

तेजस्वी यादव के खिलाफ दाखिल हुए मानहानि केस में 1 मई को पहली सुनवाई थी. तो वहीं आठ मई की सुनवाई में कोर्ट ने इंक्वायरी के आर्डर दिए थे. इसमें शिकायतकर्ता की तरफ से दिए गए सबूतों और तथ्यों की जांच की जानी थी. डिप्टी सीएम ने गुजरातियों को ठग कहा था. इसके बाद गुजरात के व्यापारी हरेश मेहता ने बयान पर आपत्ति जताते हुए केस दर्ज कराया था. कारोबारी हरेश मेहता ने अपनी याचिका में कहा है कि मीडिया को दिए बयान में तेजस्वी यादव ने पूरे गुजराती समुदाय को ‘ठग’ कहा है. यह गुजरातियों की सार्वजनिक रूप से मानहानि है और उन्हें अपमानित करता है. इसलिए इस मामले में उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

पिछली सुनवाई में अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट ने इस मामले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत जांच का आदेश दिया था. जिसमें कहा गया था कि अदालत पहले मानहानि की शिकायत की जांच करेगी और फिर जांच करेगी कि क्या शिकायतकर्ता और गवाहों के पक्ष में सबूतों पर विचार करके प्रथम दृष्टया मामला बनता है या नहीं. आज यानी 20 मई को मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एक न्यूज चैनल के संपादक को नोटिस जारी किया है. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 12 जून को होगी.

बता दें कि तेजस्वी यादव ने 22 मार्च 2023 को बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए गुजरातियों को ठग कहा था. तेजस्वी ने कहा था कि ‘वर्तमान में जो हालात हैं उसे देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग होते हैं और उनको माफ भी कर दिया जाता है. तेजस्वी ने ये बातें उस वक्त कही थीं जब बैंकों का पैसा लेकर भागने वाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस से हटा दिया गया था.

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