लाइव सिटीज, पटना: बिहार की राजनीति में उतार-चढ़ाव हमेशा देखा गया है। एक बार फिर कयासों का बाजार गरमाया हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता चंद्रशेखर के बयान पर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेट ने अपना एक अलग स्टेंड रखा है। आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने पहले रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया। इसके बाद मंत्री सुरेंद्र यादव ने सेना को लेकर विवादित टिप्पणी की और अब आरजेडी कोटे के ही मंत्री आलोक मेहता ने सवर्ण जाति के लोगों को अंग्रेजों का पिट्ठू और दलाल बताया है
अब मंत्री आलोक मेहता के बयान के बाद एक बार फिर से बिहार की राजनीति गरमा गई है। पूर्व मंत्री और जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा है कि मंत्री आलोक मेहता पहले इतिहास की जानकारी ले लें तब इस तरह का बयान दें। उन्होंने कहा है कि कोई हमारे पूर्वजों को अपमानित करे यह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगा। सवर्ण जाति के लोगों ने अग्रेजों से लड़ाई में अपने खेत-खलिहान को बेच दिया और कारावास में अपनी जिंदगी बिता दी। बिहार स्वतंत्रता सेनानी के बेटों का बिहार है। मंत्री आलोक मेहता का बयान दुखद और अपमानजनक है।
नीरज कुमार ने कहा है कि आरजेडी के नेता बिना किसी जानकारी के गलत बयानबाजी कर रहे हैं। आलोक मेहता को पता होना चाहिए कि आजादी की लड़ाई जाति के आधार पर नहीं लड़ी गई थी। आजादी की लड़ाई में सभी समुदाय के लोगों ने अपना बलिदान दिया है। कुछ भी बोलने से पहले देश का आजादी की लड़ाई की जानकारी ले लेनी चाहिए।