लाइव सिटीज, पटना: बिहार में जनसंख्या पर कंट्रोल करने का बयान देते-देते सीएम नीतीश खुद ही कंट्रोल करना भूल गए. वो बात तो ठीक कह रहे थे लेकिन जिस तरीके से उन्होंने सदन में अपनी बात रखी उसपर विवाद होना तय है. हालांकि सीएम नीतीश का ये बयान सदन की प्रोसीडिंग का हिस्सा होने के बावजूद उसे सुना नहीं सकते. उन्होंने जो बातें कहीं उससे सदन में ठहाके भी लगे और कुछ लोग शर्मिंदगी से भर गए. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने नीतीश के इस बयान का विरोध किया और उनसे इस्तीफे की डिमांड की.
सीएम नीतीश कह रहे थे कि “जब शादी होती है तो पुरूष रोज रात में.. उसी में बच्चा पैदा हो जाता है. लेकिन जब लड़की पढ़ी होगी तब कहेगी…” जब सीएम नीतीश जनसंख्या नियंत्रण पर बेतुका ज्ञान दे रहे थे तो पीछे बैठे मंत्री मुस्कुरा रहे थे. ठीक पीछे बैठे मंत्री श्रणव कुमार एकदम सीरियस मुद्रा में बैठे थे. नीतीश ने पत्रकारों से भी उनकी बात को ठीक से समझ लेने की सलाह दी.
सीएम नीतीश के इस बयान को अश्विनी चौबे ने विवेकशून्य बताया और कहा कि जब ‘नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है’. नीतीश की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है. उन्होंने पूरी मातृशक्ति का अनादर किया है. उनको पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.
सीएम नीतीश ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि इस जाति की जनसंख्या बढ़ गई या घट गई लेकिन ये बताइए कि जब इससे पहले जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है तो आप कैसे कह सकते हैं कि इस जाति की संख्या बढ़ गई या घट गई?… हम शुरूआत से केंद्र सरकार से कहते आए हैं कि वे भी जातिगत जनगणना करें… 2022-2021 में जो जनगणना होनी थी वो नहीं हुई तो जितना जल्दी हो सके शुरू करें