लाइव सिटीज, पूर्णिया: शनिवार को पूर्णिया विश्वविद्यालय में सीनेट की बैठक हुई. इस बैठक की अध्यक्षता बिहार के नए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने की. बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि बिहार का राज्यपाल बनकर आए मुझे एक महीना हो चुका है. मैं राजभवन में मस्ती करने नहीं आया. मैं चाहूं तो राजभवन के प्राकृतिक सौंदर्य और शानदार लॉन में आराम कर सकता हू. राजभवन में स्वीमिंग पुल भी बन रहा है. मैं तैरना भी सीखूंगा. मगर मैं यहां इन सभ काम के लिए नहीं आया हूं. ये सब काम मैं अपने घर में भी कर सकता था. मुझे आपके साथ मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में कुछ करना है. और मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता.
सीनेट की बैठक में उन्होंने कहा कि ये कार्य हमें मिलकर करना है. एक महीने में करीब 400 लोग मुझसे मिले हैं. मैं चाहता हूं कि लोग आकर मुझसे मिले और अपनी शिकायत हमें बताएं. एक महीने के दौरान मिलने वाले लोगों में से 90 प्रतिशत लोग ने प्रदेश की शिक्षा के बारे में चिंता व्यक्त की है. मुझे लोगों ने शिक्षा के कई उदाहरण दिए हैं और अपनी बातें रखी. आज तक जो भी हुआ उसे भूल जाइये. आज से हम नयी पहल करेंगे और नया कदम उठाएंगे.
राज्यपाल ने शनिवार को सीनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य की शिक्षा के बारे में कोई और नहीं इसके लिए मैं जिम्मेवार हूं. पीछे जो भी हुआ उसे छोड़ दीजिए. आने वाली पीढ़ी मुझसे सवाल करेगी. जब आप बिहार के राज्यपाल थे तो आपने क्या किया? उन बच्चों की कोई गलती नहीं जो 12 वीं पास करने के बाद पढ़ाई के लिए दिल्ली-मुंबई और चेन्नई जाते हैं. हमारी शिक्षा व्यवस्था को देखकर अभिभावक भी चिंतित हैं. इसके लिए कौन जिम्मेवार है? हमें मिलकर इसकी जिम्मेवारी उठानी चाहिए.