HomeBiharविमला फाउंडेशन द्वारा “पर्यावरण कल्याण एवं उत्तम स्वास्थ्य” विषय पर एकदिवसीय सेमिनार...

विमला फाउंडेशन द्वारा “पर्यावरण कल्याण एवं उत्तम स्वास्थ्य” विषय पर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन, जानें सचिव आशुतोष कुमार ने क्या कहा

लाइव सिटीज, पटना: विमला फाउंडेशन द्वारा शुक्रवार को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर (राज्य स्वास्थ्य समिति), शास्त्री नगर, पटना में “पर्यावरण कल्याण एवं उत्तम स्वास्थ्य” विषय पर एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में पर्यावरण संरक्षण, स्वस्थ जीवनशैली और जन-जागरूकता को बढ़ावा देना था।

इस अवसर पर विमला फाउंडेशन ने लेमन एंटरटेनमेंट और अर्बन औरा के साथ मिलकर भविष्य में सामाजिक सरोकारों को एक व्यापक अभियान के रूप में आगे बढ़ाने की अपनी योजना साझा की। विमला फाउंडेशन के सचिव आशुतोष कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि आधुनिक समाज में स्वास्थ्य और पर्यावरण एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं, इसीलिए सामूहिक प्रयास ही सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

विमला फाउंडेशन के सचिव आशुतोष कुमार ने कहा कि आने वाले समय में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम निरंतर आयोजित किए जाएंगे, ताकि समाज में पर्यावरण और स्वास्थ्य के विषयों पर सकारात्मक बदलाव का मार्ग प्रशस्त हो सके।

सेमिनार में पहुंचे वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री बृजमोहन सिंह ने कहा कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण को व्यापक मुहिम के तौर पर चलाना होगा। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यदि हम स्वच्छ हवा, स्वच्छ जल और हरित परिवेश चाहते हैं, तो हमें आज ही छोटे-छोटे कदम उठाने होंगे। उन्होंने प्लास्टिक उपयोग में कमी, पौधरोपण, जल संरक्षण और शहरी कचरा प्रबंधन जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की। अगले वक्ता के तौर पर भाजपा नेता व मेयर प्रतिनिधि श्री शिशिर कुमार ने स्वास्थ्य और पर्यावरण के परस्पर संबंधों पर कहा कि दूषित पर्यावरण सीधे हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता, फेफड़ों के स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन को प्रभावित करता है। स्वस्थ समाज का निर्माण तभी संभव है जब हमारे आस-पास का पर्यावरण भी स्वस्थ हो। उन्होंने कहा कि नगर निगम के पर्यावरण संरक्षण अभियान में लोग सतत उनका सहयोग करें।

अगली वक्ता के तौर पर राज्य स्वास्थ्य समिति एवं परिवार कल्याण संस्थान की निदेशक डॉ पूनम रमण ने सामुदायिक भागीदारी और जन-जागरूकता को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि बदलाव सरकारें नहीं, समाज मिलकर लाता है। जब युवा, महिलाएं, स्थानीय संगठन और आम लोग एक साथ खड़े होते हैं, तब पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों में स्थायी परिवर्तन दिखाई देता है। उन्होंने विमला फाउंडेशन के आगामी अभियानों में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने की अपील की। अगले वक्ता के तौर पर लेखक व पत्रकार श्री मुरली श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने जन-जागरुकता को बढ़ाने की अपील की और कहा कि स्वस्थ्य जीवनशैली के लिए हमें वातावरण को सुरक्षित रखना होगा।

सेमिनार में समाजसेवी व भाजपा नेता राजीव रंजन ने भी संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण अभियान की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने पर्यावरण जागरुकता पर आयोजित सेमिनार की महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ मनीष आनंद ने स्वागत भाषण दिया। वहीं संस्था के वरिष्ठ सहयोगी चंदन चौरसिया व अविनाश पांडेय उपस्थित रहें। विमला फाउंडेशन की अध्यक्षा नेता कुमारी भी मौजूद रहीं। सेमिनार में बड़ी संख्या में प्रतिभागियों छात्रों, स्वास्थ्यकर्मियों, स्वयंसेवकों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments