लाइव सिटीज, पटना: बिहार में शिक्षक बहाली को लेकर क्रेडिट लेने की होर मची है. खासकर जब से एनडीए की सरकार बनी है, तब से राजद नेता इसका क्रेडिट ले रहे हैं. तेजस्वी यादव तो डंका की चोट पर कह रहे हैं कि उन्होंने 17 महीनों में लाखों शिक्षकों को नौकरी दी. सोमवार को विधानसभा में पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने भी इसका जिक्र किया तो वर्तमान शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने जमकर निशाना साधा.
शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने जल संसाधन, शिक्षा विभाग सहित कई विभागों के बजट पर चर्चा की. उन्होंने चंद्रशेखर को जबाव देते हुए कहा कि गठबंधन टूटने का सबसे बड़ा कारण अनावश्यक क्रेडिट लेना है. कौन नहीं जानता है कि सारा काम मुख्यमंत्री कर रहे थे. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री रहते हुए जब चंद्रशेखर ऑफिस आना बंद किए तब जाकर बहाली शुरू हुई.
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि क्रेडिट लेने के कारण ही गठबंधन टूटा है. सब काम सीएम कर रहे थे लेकिन अनावश्यक क्रेडिट लेने की होर मची थी. कौन नहीं जानता है कि सीएम सारा काम करते हैं. 2005 में एनडीए की सरकार में 4 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई. बीपीएससी से परीक्षा लेने का निर्णय चंद्रशेखर के शिक्षा मंत्री बनने से पहले लिया गया था.
विजय चौधरी ने कहा कि जब एनडीए की सरकार 2005 में बनी थी तो उसी समय 4 लाख शिक्षकों की बहाली हुई थी. जब मुझें शिक्षा विभाग का प्रभार दिया गया था तो 50000 शिक्षकों की बहाली हुई थी. इस बार भी बीपीएससी से शिक्षक बहाली का फैसला जो हुआ उसका क्रेडिट चंद्रशेखर लेना चाहते हैं. विजय चौधरी ने कहा कि सातवें चरण की नियुक्ति को हमने ही रोका था, क्योंकि एक लाख शिक्षकों की बहाली बीपीएससी से करनी थी.
विजय चौधरी के बयान पर पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि उनको अपना एजेंडा बताना चाहिए कि उनके एजेंट में क्या था. जब महागठबंधन की सरकार बनी तो उस समय तय हुआ था कि 10 लाख नौकरी दी जाएगी. हमारे नेता ने मुझे बुलाकर कहा था कि 10 लाख नौकरी देना है. शिक्षा विभाग से 3 लाख नौकरी दी जाएगी. मैंने एक महीने तक उसकी तैयारी की है.