लाइव सिटीज, पटना: चिराग पासवान ने आज बीजेपी सरकार के फैसले का खुला विरोध कर दिया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा-मैं जाति या धर्म के आधार पर विभाजन वाले किसी फैसले का समर्थन नहीं कर सकता.दरअसल ये मामला उत्तर प्रदेश का है. सावन का महीना शुरू होने वाला है औऱ इस महीने में कांवड़ यात्रा होने वाली है. यूपी सरकार ने ये फैसला लिया है कि कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानदारों को अपना नाम लिखना होगा. यूपी की बीजेपी सरकार के इस फैसले का उसकी सहयोगी पार्टियां ही विरोध करने लगी हैं. पहले जेडीयू ने इसका विरोध किया और अब चिराग पासवान भी मैदान में उतर आये हैं.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने योगी सरकार के फैसले को गलत ठहराया है. चिराग पासवान ने कहा कि मैं 21वीं सदी का शिक्षित युवा हूं और मेरी लड़ाई जातिवाद और सांप्रदायिकता के खिलाफ है. मैं अपने राज्य के पिछड़ेपन के लिए इसी कारण को जिम्मेदार मानता हूं. जहां कहीं भी जाति और धर्म के आधार पर विभाजन है, मैं न तो उसका समर्थन करूंगा और न ही उसे बढ़ावा दूंगा और मुझे नहीं लगता कि मेरी उम्र के किसी अन्य शिक्षित युवा के लिए ऐसी चीजें मायने रखती हैं, चाहे वह किसी भी जाति और धर्म से संबंधित हो.
इससे पहले जेडीयू ने कहा कि इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिये. जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि सांप्रदायिक विभाजन पैदा करने वाला कोई भी आदेश नहीं जारी किया जाना चाहिए. वहीं, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी पार्टी आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने कहा है कि उत्तर प्रदेश प्रशासन का दुकानदारों को अपनी दुकानों पर नाम और धर्म लिखने का निर्देश देना जाति और संप्रदाय को बढ़ावा देने वाला कदम है. इसे वापस लिया जाना चाहिये.