लाइव सिटीज, पटना: देश ही नहीं विदेशों में भी सोनपुर मेला विख्यात रहा है. वहीं, अब बदलते परिवेश को देखते हुए मेले के स्वरूप में काफी बदलाव कर दिया गया है, अब इस मेले में हाथी और ऊंट नहीं पहुंच रहे हैं. सोनपुर मेले में पशु संरक्षण व संवर्धन कानूनों की वजह से हाथी की खरीद-ब्रिकी पर रोक लग चुकी है. जिस वजह से पशु मेले में हाथी को लाना प्रतिबंधित कर दिया गया है. हाथी के साथ ही ऊंट की उपस्थिति पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिस वजह से मेले में एक भी ऊंट खरीद-बिक्री के लिए नहीं लाया गया है. जिस वजह से मेले में सन्नाटा छा गया. जानवरों पर प्रतिबंध के साथ ही सोनपुर मेले का प्रसिद्ध थिएटर भी नहीं लगाया गया है. सोनपुर मेले में थिएटर चलाने की अनुमति इस साल नहीं दी गई है, जिस वजह से सोनपुर वासियों ने थिएटर संचालक के साथ मिलकर पूरे मेले को ही बंद करवा दिया.
दरअसल, थिएटर की अनुमति नहीं मिलने की वजह से लोगों में काफी नाराजगी और आक्रोश देखा गया. जिसकी वजह से मेले में सरकारी प्रदर्शनी स्टॉल को छोड़कर सभी स्टॉलों को बंद करवा दिया गया. आपको बता दें कि सोनपुर मेला उद्घाटन के बाद भी खेल तमाशा थिएटरों को लाइसेंस ना मिलने के कारण सोनपुर वासियों ने मेला बंद करने का ऐलान किया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए सोनपुर प्रशासन और आंदोलनकारी के बीच एक वार्ता बुलाई गई, जिसमें आंदोलनकारी की लगभग सभी मांगे मान ली गई.
साथ ही आंदोलनकारियों को यह आश्वासन दिया गया कि खेल तमाशा थिएटर आदि को लाइसेंस मिलने की समय अवधि 5 दिनों के लिए बढ़ाई जाएगी. साथ ही झूला मालिक को पहली बार आश्वस्त किया गया है कि जब तक भी रहेगी और झूला मालिक जब तक चाहेंगे, तब तक झूला के लिए लाइसेंस निर्गत किया जाता रहेगा. साथ ही ट्रांसपोर्टेशन में जगह-जगह जो बैरिकेडिंग लगाई गई थी, उसमें भी ढील दी गई है. सभी मांगे मान लिए जाने के कारण आंदोलनकारी में काफी खुशी है, साथ ही जानकारी मिलते हैं सोनपुर मेला की सभी दुकान खोलनी शुरू हो गई है और खेल तमाशा झूला मेला आदि अपनी तैयारी में जुट गये हैं