लाइव सिटीज, पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने यूपीएससी लेटरल भर्ती को लेकर आपत्ति जतायी है. सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा है कि मोदी सरकार की कोशिश है कि दलित, पिछड़े और आदिवासी सचिवालय में नहीं बल्कि शौचालय में बैठें. इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने कुल 18 प्वॉइंट्स रखकर लेटरल भर्ती को सवालों के घेरे में लिया है.
आगे उन्होने कहा कि ये लोग (बीजेपी-आरएसएस) चाहते ही नहीं कि दलित-आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग सचिवालय में बैठे, ये लोग चाहते हैं कि शौचालय में बैठे. ये लोग आरक्षण विरोधी हैं. प्रधानमंत्री मोदी संविधान और आरक्षण को खत्म कर असंवैधानिक तरीके से लैटरल एंट्री के जरिए उच्च सेवाओं में आईएएस और आईपीएस की जगह, बिना परीक्षा दिए आरएसएस के लोगों को भर रहे हैं. हमलोग इसका जमकर विरोध करेंगे और किसी कीमत पर इसे चलने नहीं देंगे
तेजस्वी यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी संविधान और आरक्षण को खत्म कर असंवैधानिक तरीके से लेटरल एंट्री के जरिए उच्च सेवाओं में IAS/ IPS की जगह, बिना परीक्षा दिए RSS के लोगों को भर रहे है. संविधान सम्मत उच्च सेवाओं में भर्ती संघ लोक सेवा आयोग द्वारा सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से होती है जिसमे प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार होता है. इसमें 𝐒𝐂 𝐒𝐓 𝐎𝐁𝐂 और 𝐄𝐖𝐒 के लिए रिजर्वेशन लागू होता है, लेकिन लेटरल एंट्री में भर्ती सिर्फ साक्षात्कार के माध्यम से हो रही है और बिना परीक्षा के . इसमें सभी लोग भाग भी नहीं ले सकते हैं.