लाइव सिटीज, पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी मानहानि मामले को लेकर अभी देश के सुर्खियों में हैं। वहीं, इस मुद्दे पर पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना चाहिए था, क्योंकि सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराये जाते ही वह बतौर सांसद अयोग्य हो गये थे।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राहुल गांधी को सच बोलने की नहीं, बल्कि मोदी सरनेम वाले लाखों पिछड़ों का अपमान करने की सजा मिली। सच का गला घोंटने के लिए तो खुद कांग्रेस राजनीति कर रही है। मोदी ने कहा कि राहुल गांधी से पहले लालू प्रसाद, जयललिता सहित 200 से ज्यादा लोगों को किसी न किसी मामले में सजा होने पर संसद या विधानसभा की सदस्यता गँवानी पड़ी है। यह न कोई पहला मामला है, न राहुल गांधी कानून से ऊपर हैं।
उन्होंने कहा कि पिछड़ी जाति (घांची-तेली) के व्यक्ति नरेंद्र भाई मोदी का देश के सर्वोच्च पद पर चुना जाना राहुल गांधी और कांग्रेस को बर्दाश्त नहीं, इसलिए उनकी जाति के सभी लोगों को चोर बता कर अपमानित किया गया। मोदी ने पूछा कि क्या लोकतंत्र में पिछड़ी जाति के व्यक्तियों को ‘चोर’ कहा जा सकता है ? क्या संविधान पिछड़ों को उच्च पदों पर जाने का अधिकार नहीं देता ?
मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सरनेम पर अनर्गल टिप्पणी करना और माफी भी न मांगना राहुल गांधी के अहंकार की पराकाष्ठा है। उन्हें इस रवैये की सजा मिली है। मोदी ने कहा कि कांग्रेस चुनाव हारने पर ईवीएम को कोसती है और प्रतिकूल निर्णय आने पर न्यायपालिका, सरकार और मीडिया पर अँगुली उठाती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को सूरत की अदालत का फैसला सहर्ष स्वीकार कर देश की न्यायपालिका और लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए।