लाइव सिटीज, पटना: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से सूबे के सीएम नीतीश कुमार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने सीएम नीतीश पर हमला करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार 15 अगस्त पर बताएँ, जनादेश से क्यों विश्वासघात किया ? साथ ही उन्होंने एक के बाद एक सवालों की झड़ी लगाते हुए पूछा कि 20 लाख लोगों को साल भर में भी क्यों नहीं मिली सरकारी नौकरी ? चार्जशीटेड व्यक्ति को डिप्टी सीएम बनाये रखने की क्या मजबूरी है ? तिरंगा के नीचे खड़े होकर बतायें कि अपराध की बढती घटनाओं से आजादी कैसे मिलेगी ? बता दें कि बिहार में जब से महागठबंधन की सरकार बनी है तभी से ही बीजेपी सीएम नीतीश पर हमलावर है.
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कल स्वाधीनता दिवस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीत्क छल-कपट छोड़ कर बिहारवासियों को बताना चाहिये कि महागठबंधन सरकार बनवाने के लिए उन्होंने 2020के जनादेश से विश्वासघात क्यों किया ? सुशील मोदी ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय ध्वज के नीचे खड़े होकर बताना चाहिए कि 20 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने के वादे पर बनी नई सरकार साल भर में एक व्यक्ति को भी नौकरी क्यों नहीं दे पायी?
उन्होंने कहा कि नीतीश-लालू डील के तहत बनी सरकार ने चेहरा छिपाने के लिए जो नियुक्ति-पत्र बाँटे और फोटो खिंचवाये, वे सारी नियुक्तियां एनडीए सरकार के समय हो चुकी थीं. फिर यह धोखा क्यों किया गया? सुशील मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में चार्जशीटेड व्यक्ति को 6-6विभागों का मंत्री और डिप्टी सीएम बनाये रखने के लिए भ्रष्टाचार से समझौता क्यों करना पड़ा, ऐसी क्या मजबूरी थी, यह भी मुख्यमंत्री को अपने संबोधन में बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि क्या इसी दिन के लिए स्वाधीनता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया था?
सुशील मोदी ने कहा कि हत्या-बलात्कार, महिलाओं से बर्बरता, बैंक लूट और राहजनी से लेकर पुलिस पर बालू-शराब माफिया के हमले जैसी घटनाओं में वृद्धि के कारण आजादी क्यों कलंकित हो रही है ? इससे आजादी कैसे मिलेगी, यह भी मुख्यमंत्री को बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि भाजपा के सरकार में रहते बिहार में जातीय जनगणना कराने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया, यह तथ्य स्वीकार करते हुए नीतीश कुमार को बताना चाहिए गैर-भाजपा दलों के शासन वाले राज्यों में ऐसी जनगणना कराने के लिए नीतीश कुमार क्या करेंगे? सांसद सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष-शासित राज्यों में जातीय जनगणना कराने के लिए मुख्यमंत्री को 15 अगस्त पर अवश्य कोई संकल्प घोषित करना चाहिए.